रामनवमी में जानें क्यों फहराया जाता है ध्वज

चैत्र मास की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा. यह पर्व हिंदू धर्म के लिए काफी खास है.

Update: 2022-04-09 09:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र मास की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा. यह पर्व हिंदू धर्म के लिए काफी खास है. क्योंकि राम नवमी के दिन ही भगवान श्री राम ने अयोध्या में राजा दशरथ के घर पर जन्म लिया था. इस बार यह पर्व 10 अप्रैल को मनाया जा रहा है.

 रामनवमी तारीख, शुभ मुहूर्त
भगवान राम का जन्मदिन मनाने का सही समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच है.
राम नवमी रविवार, अप्रैल 10, 2022 को
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - 11:06 सुबह से 01:39 दोपहर
अवधि - 02 घण्टे 33 मिनट्स
सीता नवमी मंगलवार, मई 10, 2022 को
राम नवमी मध्याह्न का क्षण - 12:23 दोपहर
नवमी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 10, 2022 को 01:23 सुबह बजे
नवमी तिथि समाप्त - अप्रैल 11, 2022 को 03:15 दोपहर बजे
विजय प्राप्त होने पर फहराई जाती है ध्वजा
हिंदू समाज में घरों में स्वास्तिक या ॐ या रामभक्त हनुमान के नाम पर झंडा लगाने की परंपरा रही है. इसके पीछे मान्यता यह है कि इस झंडा के जरिए यश, कीर्ति, विजय और पराक्रम दूर-दूर तक फैलेगा. इसीलिए पहले के जमाने में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो ध्वजा फहराई जाती थी.
महावीरी ध्वज का विशेष महत्व
महावीरी ध्वज का सनातन धर्म में विशेष महत्व और आस्था है. ध्वज की छत्र छाया में पर्यावरण के शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलता है. शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है. झंडा या पताका आयताकार या तिकोना होता है, जिस पर कुछ विशिष्ट धर्मों के चिन्ह बने होते हैं और जो किसी जाति, दल, राष्ट्र, संप्रदाय या समाज का प्रतीक चिन्ह होता है. इसे घरों, मंदिरों, जुलूसों आदि में फहराया जाता है.
राम जन्मोत्सव
चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन अयोध्या में राम जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन राम जी के छोटे भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान श्री राम की उपासना करते हैं, भजन आदि करते हैं. इस दिन पूजा के बाद राम जी के मंत्रों का जाप किया जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन रामचरितमानस और रामायण का पाठ करने का भी विधान है.
अगर आप घर पर राम जी का जन्मोत्सव मनाना चाहते हैं तो घर पर शुभ मुहूर्त में रामलला का जन्मदिन मनाएं. उनके पालने को फूल, माला से सजाएं. उनके लिए वस्त्र, मुकुट आदि की व्यवस्था कर लें. शुभ मुहूर्त में रामलला का जन्मदिन मनाएं और आसपास लोगों में मिठाइयां और प्रसाद बांटें.


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