जानिए क्यों है विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित?

Update: 2022-07-27 05:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   सावन माह (Sawan Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) व्रत रखा जाएगा. इस वर्ष सावन की विनायक चतुर्थी रवि योग में 01 अगस्त दिन सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन सावन का तीसरा सोमवार व्रत भी है. इस दिन भगवान शिव और उनके छोटे पुत्र गणेश जी की पूजा अर्चना का सुंदर संयोग बना है. इस दिन आप व्रत रखकर के भगवान शिव और गणेश जी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. श्रावण मास शिव परिवार की पूजा के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है. ऐसे में विनायक चतुर्थी का दिन आपके लिए विशेष अवसर है. केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं विनायक चतुर्थी पर बनने वाले योग और इस दिन चंद्र दर्शन की मनाही के बारे में.

विनायक चतुर्थी 2022 मुहूर्त
श्रावण शुक्ल चतुर्थी तिथि का शुभारंभ: 01 अगस्त, सोमवार, प्रात: 04 बजकर 18 मिनट से
श्रावण शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन: 02 अगस्त, मंगलवार, प्रात: 05 बजकर 13 मिनट पर
रवि योग का प्रारंभ: 01 अगस्त, प्रात: 05 बजकर 42 मिनट से
रवि योग का समापन: 01 अगस्त, शाम 04 बजकर 06 मिनट पर
गणेश पूजन का शुभ समय: सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक
रवि योग का महत्व
रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव अत्यधिक होता है, इस वजह से उस योग में किए गए सभी कार्य शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं. यह योग अमंगल को दूर करता है. इसे देखते हुए आप रवि योग में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करके अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित क्यों?
इसका कारण द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी एक घटना को माना जाता है. एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देख लिया था, इस वजह से उन पर स्यामंतक मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था.
इस झूठ को गलत साबित करने के लिए जामवंत से कई दिनों तक युद्ध करना पड़ा था. हालांकि बाद में भगवान श्रीकृष्ण इसे झूठ कलंक से मुक्त हो गए और जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण से कर दिया.
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