जानिए सावन के महीने में भगवान शिव पर बेलपत्र क्यों और कैसे चढ़ाएं

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है.

Update: 2022-07-16 07:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. शिव के भक्त पूरे महीने न जानें कौन-कौन से उपायों को अपनाते हैं. आज हम बात कर रहे हैं बेलपत्र की. बेलपत्र के पेड़ पर भगवान शिव और माता पार्वती का वास होता है. ऐसे में मान्यता है कि प्रदोष काल में यदि बेलपत्र के पेड़ के आगे घी का दीपक जलाया जाए और अपनी मनोकामना बताई जाए तो भक्त की इच्छा पूरी होती है. सावन के महीने में बेलपत्र चढ़ने का भी अपना महत्व होता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इसके क्या फायदे हैं और भगवान शिव को बेलपत्र कैसे चढ़ाया जाए. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि सावन के महीने में भगवान शिव पर बेलपत्र क्यों और कैसे चढ़ाएं. 

बेल पत्र कैसे चढ़ाएं?
सबसे पहले तो बेलपत्र 3 से 11 पत्ते वाले होते हैं, जिन्हें चढ़ाया जाता है. अब बेलपत्र को चढ़ाने के लिए उसके पत्तों को अच्छे से धोएं. पत्तों को धोते वक्त ये भी देख लें कि पत्ता कही से कटा या गला न हो. उसके बाद भगवान शिव पर उल्टा पत्ता अर्पित करें. यानि बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग की तरफ होना चाहिए. वहीं बेलपत्र की डंडी नंदी की तरफ होनी चाहिए. 
बेलपत्र चढ़ने से क्या होता है?
मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र बेहद पसंद है. ऐसे में कहते हैं की जो लोग बेलपत्र चढ़ाते हैं उससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं.
भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की कृपा बरसाती है.
बेलपत्र को तोड़ने से पहले और तोड़ने के बाद जरूर प्रणाम करना चाहिए. जैसा की हमने पहले भी बताया बेलपत्र में माता पार्वती और भगवान शिव का वास है.
बेलपत्र के पत्तों को शाम के वक्त नहीं तोड़ना चाहिए वरना इससे भगवान शिव क्रोधित हो सकते हैं.
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