जानिए किस राशि के लोगों को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए
रंग और तरंग व्यक्ति के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं. कहा जाता है कि व्यक्ति के शरीर में सात चक्र होते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रंग और तरंग व्यक्ति के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं. कहा जाता है कि व्यक्ति के शरीर में सात चक्र होते हैं, जो इन्हीं रंग और तरंगों को ग्रहण करते हैं. यही कारण है कि रत्नों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. रत्नों की तरह 9 प्रमुख ग्रहों (सूर्य, चंद्र, बुध, शनि और राहु-केतु समेत) का प्रभाव भी व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से पड़ता है. ज्योतिष ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. ज्योतिष में (माणिक्य, हीरा, पन्ना और मोती समेत) प्रमुख 9 रत्नों के बारे में बताया गया है, इसलिए हमेशा ज्योतिष की सलाह से ही रत्नों को धारण करना चाहिए, क्योंकि गलत रत्न को धारण करने से इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
ज्योतिष आपकी जन्म कुंडली, राशि और ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं किस राशि के लोगों को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए और कौन सा रत्न धारण करने से बचना चाहिए.
माणिक्य
माणिक्य, सूर्य ग्रह का रत्न होता है, इसलिए ज्योतिष सूर्य से संबंधित समस्याओं के लिए इस रत्न को धारण करने की सलाह देते हैं. ज्योतिष के अनुसार, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों को माणिक्य नहीं पहनना चाहिए. जिनकी राशि या लग्न सिंह, मेष, वृश्चिक, कर्क और धनु है, उनके लिए माणिक्य रत्न धारण करना शुभ होता है.
मोती
चंद्रमा का रत्न मोती मन और शीतजन्य की समस्याओं के लिए त्वरित काम करता है, लेकिन वृष, मिथुन, कन्या और मकर राशि के लोगों को बिना ज्योतिष सलाह के मोती नहीं पहनना चाहिए. हालांकि, मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण करना अत्यंत लाभदायक होता है.
मूंगा
मंगल ग्रह का रत्न मूंगा लाल या नारंगी रंग का होता है. मेष राशि वालों का स्वामी मंगल है. ऐसे में इस राशि के लोग मूंगा धारण कर सकते हैं. इसके साथ ही वृश्चिक राशि वाले भी इस रत्न को पहन सकते हैं, लेकिन कन्या और मिथुन लग्न वालों को यह रत्न धारण करने से बचना चाहिए.
पन्ना
ज्योतिष में पन्ना को बुध ग्रह से संबंधित बताया गया है. मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं, इसलिए इन राशि के लिए पन्ना रत्न लाभदायक होता है. ज्योतिष के अनुसार, यदि बुध मंगल, शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या फिर उस पर शत्रु ग्रह की दृष्टि हो तो ऐसी स्थिति में भी पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है, लेकिन मेष, कर्क और वृश्चिक लग्न के राशि के जातकों के लिए यह रत्न शुभ नहीं होता है.
पुखराज
पुखराज रत्न का संबंध गुरु ग्रह से होता है, जो कि धनु और मीन राशि के स्वामी कहलाते हैं. ऐसे लोग जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें पुखराज धारण करना चाहिए. मेष ,वृश्चिक, कर्क, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों के लिए पुखराज शुभ फलदायी होता है. वहीं, वृष, तुला, मकर और कुंभ लग्न वालों को इसे धारण करने से बचना चाहिए.
हीरा
हीरा रत्न वृष और तुला राशि का स्वामी है. इसे शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए पहना जाता है. हीरे की चमक वैसे तो सभी लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन मेष, कर्क, वृश्चिक, सिंह और मीन लग्न वालों को हीरा नहीं पहनना चाहिए. वहीं, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न के लिए यह शुभ होता है.
नीलम
नीलम रत्न को बहुत सोच-समझकर और ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए, क्योंकि पूर्ण रूप से फलित नहीं होने पर यह रत्न धारण करने से राजा को भी रंक बनते देर नहीं लगती. सामान्यत: उन्हीं लोगों को यह रत्न धारण करना चाहिए, जिनकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में होते हैं. खासकर सिंह लग्न वालों को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए.
गोमेद
राहु का रत्न होता है गोमेद. यह रत्न उसी व्यक्ति को धारण करना चाहिए, जिनकी राशि या लग्न भाव वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ में हो.
लहसुनिया
यह केतु का रत्न होता है. अगर कुंडली में केतु अनुकूल हो तभी इसे धारण करें. ज्योतिष के अनुसार, वृषभ, मकर, तुला, कुंभ और मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु से संबंधित रत्न पहनना शुभ होता है. ऐसे लोग लहसुनिया रत्न पहन सकते हैं.