जानिए भगवान शिव के किस मंत्र को जपने से मिलेगा आपको मनचाहा वरदान

हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाने की परंपरा है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह सम्पन्न हुआ था।

Update: 2022-02-24 05:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Mahashivratri 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाने की परंपरा है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह सम्पन्न हुआ था। महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा-अर्चना बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर विधि-विधान से महादेव की पूजा, अर्चना एवं मंत्र जप करने से ग्रहदोष और दुर्भाग्य दूर होता है और साथ ही सुख, संपत्ति और सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का यह पर्व 1, मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर यदि आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें प्रसन्न करने के लिए शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए जानते भगवान शिव के किस मंत्र को जपने से मिलेगा आपको मनचाहा वरदान।

महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र के पाठ करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है और राह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
शिव ध्यान मंत्र
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं।
रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।।
पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं।
विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
भगवान भोलेनाथ के ध्यान में तल्लीन होने के लिए और एकाग्रता बढ़ाने के लिए उपरोक्त मंत्र का जाप करना चाहिए।
शिव जी का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय।।
यह इस सृष्टि का पहला शब्द और पहला मंत्र है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जो जप कर लेता है उतना ही उसके मन की शुद्धि होती जाती है।
रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
यदि घर में कोई रोग ग्रस्त है तो महाशिवरात्रि के दिन रुद्र गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से रोग से मुक्ति मिलेगी।
क्रोध पर नियंत्रण पाने का मंत्र
देवदेव महादेव नीलकंठ नमोस्तु ते।
कुर्तमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।।
तव प्रभावाद्धेवेश निर्विघ्नेन भवेदिति।
कामाद्या: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।
इस मंत्र के जाप से काम, क्रोध लोभ आदि पर नियंत्रण प्राप्त होता है। साथ ही शत्रुओं पर विजय भी प्राप्त होती है।
भगवान शिव के अन्य प्रभावशाली मंत्र
ॐ साधो जातये नम:।। ॐ वाम देवाय नम:।।
ॐ अघोराय नम:।। ॐ तत्पुरूषाय नम:।।
ॐ ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
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