जानिए खरमास में कब करें सूर्यदेव की पूजा क्या हैं इसके लाभ

सनातन शास्त्र के अनुसार, हर माह में सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्यदेव का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है।

Update: 2021-12-26 12:03 GMT

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   सनातन शास्त्र के अनुसार, हर माह में सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्यदेव का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। हालांकि, जब सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान सूर्य देव की पूजा-उपासना करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। अतः खरमास के दिनों में सूर्य उपासना जरूर करें। आइए, खरमास के दिनों में सूर्य उपासना के फायदे के बारे में जानते हैं

-ज्योतिषों की मानें तो सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त दुखों से निजात मिलता है। धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को कुष्ठ रोग था। यह जान साम्ब ने मित्रवन में चंद्रभागा नदी के संगम पर तट स्थल पर भगवान सूर्यदेव की कठिन तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया। उस समय भगवान सूर्यदेव ने प्रसन्न होकर साम्ब को ठीक कर दिया था। तदोउपरांत, साम्ब ने कोणार्क में सूर्यदेव का मंदिर निर्माण करवाया। अतः खरमास के दिनों में सूर्य उपासना करने से व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।
Kalashtami December 2021: कल कालष्टमी के दिन करें भैरव चालीसा का पाठ, दूर होगा अकाल मृत्यु का भय
-महाभारत काल से बिहार समेत पूर्वी भारत के कई राज्यों में आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। इस व्रत में सूर्य उपासना की जाती है। इससे व्यक्ति और सकल समाज में सुख और समृद्धि आती है। इसके लिए सामान्य दिनों की तरह खरमास के दिनों में भी सूर्य की पूजा अवश्य करें।
-धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव को जल का अर्घ्य देने से शरीर में व्याप्त सभी पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके लिए रोजाना सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
-ज्योतिषों की मानें तो अभिजीत मुहूर्त में सूर्य देव की पूजा करने से बार-बार आने वाली शारीरिक और मानसीक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके लिए खरमास के दिनों में अभिजीत मुहूर्त में सूर्य उपासना अवश्य करें।


Tags:    

Similar News

-->