जानिए कब है सावन अमावस्या और स्नान करने का शुभ मुहूर्त

श्रावण मास की अमावस्या तिथि को सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) होती है. इसे हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) भी कहते हैं

Update: 2022-07-20 06:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  श्रावण मास की अमावस्या तिथि को सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) होती है. इसे हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) भी कहते हैं. सावन के समय में वर्षा होती है, जिससे पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली छा जाती है. हरियाली को प्रकृति यानि माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है. इतना ही नहीं, हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने से पुण्य लाभ होता है. इसके अतिरिक्ति आप अन्य आमवस्या की तरह इस दिन भी स्नान और दान करके पुण्य प्राप्त करते हैं. इस दिन भी आप पितृदोष से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं. 

सावन अमावस्या 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, सावन अमावस्या तिथि का प्रारंभ 27 जुलाई दिन बुधवार को रात 10 बजकर 41 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 28 जुलाई गुरुवार को देर रात 12 बजकर 54 मिनट पर होगी. स्नान दान के लिए उदयाति​थि मान्य होती है, इसलिए सावन अमावस्या 28 जुलाई गुरुवार को है.
सावन अमावस्या 2022 स्नान-दान मुहूर्त
सावन अमावस्या के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना हुआ है. इसके अतिरिक्त गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग प्रात: 07 बजकर 05 मिनट से अगले दिन 29 जुलाई शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक बना हुआ. इन तीन शुभ योगों में सावन अमावस्या का स्नान और दान करना पुण्यकारी है.
सर्वार्थ सिद्धि योग तो आपके कार्य को सिद्ध करने वाला और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला योग है. सावन अमावस्या के दिन सिद्धि योग शाम 05 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन शाम 06 बजकर 36 मिनट तक है. यह योग शाम के समय में है, ऐसे में अमावस्या को शाम के समय किए जाने उपायों की सफलता के लिए यह योग अच्छा है.
सावन अमावस्या का महत्व
1. सावन अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि किए जाते हैं. पितृ दोष से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं.
2. सावन अमावस्या के अवसर पर आप अपनी राशि अनुसार पौधे लगाकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
3. अमावस्या पर पितरों की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
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