जानें कब है सावन माह की दुर्गाष्टमी, करें इन मंत्रों का जाप
करें इन मंत्रों का जाप
हिन्दू धर्म में अष्टमी का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। अष्टमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा और व्रत किया जाता है। हर हिन्दू मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत का देवी दुर्गा का मासिक व्रत भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेण्डर में अष्टमी दो बार आती है एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की अष्टमी में देवी दुर्गा का व्रत किया जाता है।
हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है। अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है और व्रत रखी जाती है। यह व्रत हर साल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इसलिए यह दिन मां दुर्गा के भक्तों के लिए बेहद खास है। वहीं हिंदू कैलेंडर के हिसाब से अष्टमी दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में आती है। वहीं शुक्ल पक्ष की अष्टमी में मां दुर्गा का व्रत किया जाता है।
बता दें इस बार सावन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि दिनांक 24 अगस्त को सुबह 03 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 25 अगस्त को 03 बजकर 11 पर इसकी समाप्ति होगी। अष्टमी तिथि के दिन कुलदेवी की पूजा करने का विधि-विधान है। साथ ही इस दिन मां काली, भद्रकाली और महाकाली की भी अराधना की जाती है।
इस दिन अन्नपूर्णा मां की भी विशेष पूजा की जाती है। दु्र्गाष्टमी के दिन कन्या और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। अब ऐसे में इस दिन कुछ ऐसे मंत्र हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि दुर्गाष्टमी के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
दुर्गाष्टमी का महत्व
इस दिन ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्ट, दुख के साथ रोग-दोष (रोग दोष के उपाय) से भी छुटकारा मिल जाता है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
दुर्गाष्टमी के दिन इन मंत्रों के जाप से सभी दुख होंगे दूर
प्रार्थना मंत्र - श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
अगर आपके विवाह (विवाह उपाय)में किसी प्रकार की कोई अड़चन आ रही है, तो आप दुर्गाष्टमी के दिन प्रार्थना मंत्र का जाप करें।
ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
यह महागौरी का कवच मंत्र है। दुर्गाष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के हर असंभव कार्य सफल हो जाते हैं और शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती है।
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
यह महागौरी का महामंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो सकती है।
अगर आप दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रख रहे हैं, तो इस दिन कुछ मंत्र है। जिसका जाप करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और अगर अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।