जानिए आमलकी एकादशी कब है इस दिन पढ़ें ये प्रचलित व्रत कथा

हर महीने 2 एकादशी आती हैं. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी आमलकी एकादशी कहलाती है

Update: 2022-03-08 04:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  हर महीने 2 एकादशी आती हैं. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी आमलकी एकादशी कहलाती है. हिंदू धर्म के अनुसार, यह काफी महत्वपूर्ण और सर्वोत्तम स्थान रखने वाली एकादशी होती है. इस एकादशी पर हरि विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा कर लोग आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. साथ ही भगवान विष्णु को आंवला चढ़ाते हैं. इस एकादशी का दूसरा नाम आमली ग्यारस एकादशी भी है. वहीं कुछ लोग इसे रंगभरी एकादशी (rangbhari ekadashi 2022) भी कहते हैं. इस दिन भगवान शंकर माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न कर अपनी इच्छाओं को पूरा किया जाता है. इस बार आमलकी एकादशी 14 मार्च दिन सोमवार को है. ऐसे में जानते हैं 

रंगभरी एकादशी व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि ब्रह्मा जी की उत्पत्ति विष्णु जी की नाभि से हुई. एक बार ब्रह्मा जी ने परब्रह्म की तपस्या कर स्वयं को जानने का प्रयास किया. तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को दर्शन दिए. उन्हें देखते ही ब्रह्मा जी की आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगी. मान्यता है कि ब्रह्मा जी के आंसू जब उनके चरणों पर गिरे आंसू आंवले के पेड़ में बदल गए. तब विष्णु जी ने कहा कि आज से यह वृक्ष और इसका फल मुझे बेहद दी प्रिय होगा और जो भी भक्त आमलकी एकादशी के दिन इस वृक्ष की पूजा करेगा या मुझ पर य् आंवला चढ़ाएगा. वो मोक्ष की तरफ अग्रसर होगा. 
आमलकी एकादशी तिथि
आमलकी एकादशी तिथि आरंभ- 13 मार्च, रविवार प्रातः 10: 21 मिनट पर
आमलकी एकादशी तिथि समाप्त- 14 मार्च, सोमवार दोपहर 12:05 मिनट पर
आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त आरंभ- 14 मार्च, दोपहर 12: 07 मिनट – 12:45 मिनट तय है.
उदयातिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी 14 मार्च तय है.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें. 


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