जानिए कब और किस दिन है अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह के ये सभी व्रत एवं त्योहार

व्रत एवं त्योहार कब और किस दिन हैं?

Update: 2022-04-03 03:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंग्रेजी कैलेंडर के चौथे माह अप्रैल का पहला पूर्ण सप्ताह 04 तारीख से शुरु हो रहा है. 04 अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल के बीच में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं. इसमें गणगौर, राम नवमी, दुर्गाष्टमी, कन्या पूजन, मत्स्य जयंती, विनायक चतुर्थी, स्वामीनारायण जयंती शामिल हैं. इनके अलावा देवी चन्द्रघंटा, देवी कूष्मांडा, देवी स्कन्दमाता, देवी कात्यायनी, देवी कालरात्रि,

देवी महागौरी और मा सिद्धिदात्री की पूजा भी होगी. आइए जानते हैं कि ये सभी व्रत एवं त्योहार कब और किस दिन हैं?
अप्रैल 2022 पहले सप्ताह के व्रत एवं त्योहार
04 अप्रैल: दिन: सोमवार: गणगौर व्रत, मत्स्य जयंती, चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन, देवी चन्द्रघंटा की पूजा
गणगौर व्रत 2022: चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखते हैं और इस दिन माता गौरी एवं भगवान शिव की पूजा की जाती है. यह व्रत अखंड सौभाग्य एवं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है. यह व्रत 04 अप्रैल को है.
मत्स्य जयंती 2022: इस साल मत्स्य जयंती 04 अप्रैल को है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने सबसे पहले यह मत्स्य अवतार लिया था.
मां चंद्रघंटा पूजा 2022: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं. चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन 04 अप्रैल को है. मां चंद्रघंटा को चमेली का फूल एवं दूध से बनी मिठाई प्रिय है.
05 अप्रैल, दिन: मंगलवार: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, देवी कूष्मांडा की पूजा, विनायक चतुर्थी व्रत
विनायक चतुर्थी 2022: चैत्र माह की विनायक चतुर्थी 05 अप्रैल दिन मंगलवार को है. इस दिन गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं. इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित होता है, इसलिए दिन में ही पूजा संपन्न करनी होती है.
मां कूष्मांडा की पूजा 2022: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन 05 अप्रैल को है, इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा करते हैं. माता को लाल फूल चढ़ाते हैं और हलवा या दही का भोग लगाते हैं.
06 अप्रैल, दिन: बुधवार: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन, देवी स्कन्दमाता की पूजा
स्कन्दमाता की पूजा 2022: चैत्र नवरा​त्रि का पांचवा दिन 06 अप्रैल को है. इस दिन स्कन्दमाता की पूजा करते हैं. इनको भगवान कार्तिकेय की माता कहते हैं क्योंकि इनका एक नाम स्कंद कुमार भी है.
07 अप्रैल: दिन: गुरुवार: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन, देवी कात्यायनी की पूजा
मां कात्यायनी पूजा 2022: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करते हैं. इनकी कृपा से एवं यश कीर्ति में वृद्धि होती है. मां कात्यायनी का प्रिय फूल लाल गुलाब है.
08 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन, महासप्तमी, देवी कालरात्रि की पूजा
मां कालरात्रि की पूजा 2022: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन महासप्तमी होती है. इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा करते हैं. देवी के कृष्ण रंग के कारण उनका नाम कालरात्रि है. वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.
09 अप्रैल, दिन: शनिवार: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, दुर्गाष्टमी, देवी महागौरी की पूजा, कन्या पूजन
दुर्गाष्टमी 2022: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गाष्टमी या महाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन मां महागौरी की विधिपूर्वक पूजन करते हैं. जो लोग पूरी नवरात्रि व्रत नहीं रखते हैं, वे प्रथम दिन और दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं. अधिकतर लोगों के यहां महाष्टमी के दिन हवन और कन्या पूजन किया जाता है.
10 अप्रैल, दिन: रविवार:
चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन, देवी सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी, स्वामीनारायण जयंती राम नवमी 2022: चैत्र नवरात्रि के 9वें दिन यानी चैत्र शुक्ल नवमी को राम नवमी मनाई जाती है. इस तिथि को ही प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. इस साल राम नवमी 10 अप्रैल को है. इस अवसर पर व्रत रखते हैं और राम जन्मोत्सव मनाते हैं.
मां सिद्धिदात्री पूजा 2022: सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरा​त्रि के 10वें दिन यानी चैत्र शुक्ल दशमी को करते हैं. कई स्थानों पर इस दिन ही हवन किया जाता है और कन्या पूजन करते हैं. फिर पारण करके नवरात्रि व्रत को पूर्ण करते हैं.


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