जानिए हरियाली अमावस्या के दिन क्या न करें

सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) आज 28 जुलाई को है.

Update: 2022-07-28 05:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) आज 28 जुलाई को है. इस दिन नदी स्नान, दान, पितरों की पूजा और पौधरोपण का विशेष महत्व है. हरियाली अमावस्या इस बार विशेष भी है क्योंकि आज गुरु पुष्य योग के साथ चार शुभ योग बने हैं और तीन राजयोग बना है. आज के अवसर पर आप भी स्नान, दान और पौधरोपण करके पुण्य लाभ कमा सकते हैं. पितृ दोष से मुक्ति पाकर उन्नति की ओर अग्रसर हो सकते हैं. हरियाली अमावस्या के दिन पुण्य प्राप्ति के लिए जैसे कई कार्य किए जाते हैं, वैसे ही कई ऐसे कार्य होते हैं, जिनको करना वर्जित होता है. आप जाने या अनजाने में कोई ऐसा कार्य कर देते हैं, जिससे आप पाप या दोष के भागी बन जाते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बता रहे हैं कि हरियाली अमावस्या के दिन किन कार्यों को करने की मनाही है.

हरियाली अमावस्या के दिन क्या न करें
1. हरियाली अमावस्या का दिन पेड़ पौधों की सेवा करने और नए पौधों को लगाने अवसर है. ऐसा करने से ग्रह दोष और पितृ दोष दूर होता है. इस दिन आपको पेड़-पौधों को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं, तो ग्रह दोष या पितृ दोष का भागी बन सकते हैं.
2. हरियाली अमावस्या के अवसर पर पितरों की आत्म तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं. इस दिन ध्यान रखना चाहिए कि आपके किसी कार्य से आपके पितर नाराज न हों. पितरों के नाराज होने से आप उनके श्राप के भागी बनते हैं. इसके परिणामस्वरूप कार्यों में असफलता, धन हानि, आर्थिक संकट, वंश से जुड़ी समस्याएं आदि हो सकती हैं.
3. अमावस्या के दिन कुत्ते, गाय, कौआ आदि को न मारें या किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचाएं. विशेषकर तब, जब वे भोजन कर रहे हों या आपके घर से उनको अन्न प्राप्त हुआ हो. माना जाता है कि अमावस्या के दिन कुत्ता, गाय या कौआ को भोजन खिलाने से पितरों को वह अंश प्राप्त होता है, जिससे वे खुश होते हैं. यदि आप इन पशु पक्षियों को मारते हैं या हानि पहुंचाते हैं, तो आपके पितर आप से नाराज हो सकते हैं.
4. अमावस्या के दिन अपने घर भिक्षा मांगने आने वालों को खाली हाथ न लौटाएं. उनको दान स्वरूप अन्न, वस्त्र या जो भी आपकी क्षमता है, उस अनुसार दान कर दें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये दान पितरों को प्राप्त होता है.
5. अमावस्या को अपने घर के बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें या कोई ऐसी बात या कार्य न करें, जिससे उनकी आत्मा दुखी हो.
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