जानिए बंगाली शादियों में क्या है आई बूढ़ों भात की परंपरा और इसका महत्व
विविधताओं से भरे देश भारत में कई धर्म और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं. भारत में अनेक धर्म और भाषाओं के साथ ही कई रीति-रिवाज और परंपराएं भी मौजूद हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विविधताओं से भरे देश भारत में कई धर्म और संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं. भारत में अनेक धर्म और भाषाओं के साथ ही कई रीति-रिवाज और परंपराएं भी मौजूद हैं. बात करें शादियों की तो भारत में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक शादियों से जुड़े अलग-अलग नियम, परंपरा , रीति-रिवाज और महत्व देखने को मिलते हैं. सभी शादियों से जुड़े नियम और रीति-रिवाज बेहद खूबसूरत होते हैं और सभी से जुड़ी मान्यताएं भी होती हैं. बंगाल के पर्व-त्योहार से लेकर शादी-विवाह सभी भव्य तरीके से संपन्न होते हैं. बंगाली शादियों (Bengali Wedding) में शादी के पहले और शादी के बाद भी कई रीति-रिवाज होते हैं. इन्ही में एक है 'आई बूढ़ों भात' (Aai Budo Bhaat) की रस्म. आई बूढ़ों भात शादी से पहले की एक रस्म होती है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं बंगाली शादियों में क्या है आई बूढ़ों भात की परंपरा और क्या है इसका महत्व?