जानें सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी के बीच क्या है संबंध ?

बसंत पंचमी, बसंत के मौसम की शुरुआत का खूबसूरत त्योहार, इस साल 5 फरवरी को मनाया जाएगा।

Update: 2022-02-04 13:00 GMT

Vasant Panchami 2022 Date: बसंत पंचमी, बसंत के मौसम की शुरुआत का खूबसूरत त्योहार, इस साल 5 फरवरी को मनाया जाएगा। हिंदू परंपरा के अनुसार, 'माघ' के शुभ महीने के पांचवें दिन को हर साल बसंत पंचमी के रूप में जाना और मनाया जाता है। बता दें, बसंत पंचमी बसंत ऋतु के आगमन का संकेत है। भारत में, हिंदू त्योहार मनाते हैं। ये त्योहार मां मां सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही घरों में भी मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

इस बार पूजा का मुहूर्त सुबह के समय है। हिंदू विद्वानों, पुजारियों और लोकप्रिय पंचांगों का कहना है कि बसंत पंचमी मुहूर्त कल 5 फरवरी को सुबह 7:07 बजे से शुरू होगा। और विशेष मुहूर्त दोपहर 12:35 बजे समाप्त होगा। पूजा मुहूर्त की कुल अवधि साढ़े पांच घंटे की होती है। जबकि बसंत पंचमी या वसंत पंचमी 'तिथि' 5 फरवरी को ही सुबह 3:46 बजे से शुरू हो जाएगी। पंचमी पर्व की 'तिथि' 24 घंटे बाद रविवार को 6 फरवरी को सुबह 3:46 बजे समाप्त होती है।
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी के बीच क्या संबंध है?
बसंत पंचमी को भारत के कुछ हिस्सों में सरस्वती पूजा के रूप में जाना जाता है, वे वास्तव में बहुत करीबी लिंक के साथ दो अलग-अलग त्योहार हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती अपने पिता भगवान ब्रह्मा के मुख से ब्रह्मांड में ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए प्रकट हुई थीं।
इसलिए, सरस्वती पूजा बसंत पंचमी पर ज्ञान का वरदान देने के लिए ज्ञान की देवी से विशेष प्रार्थना के साथ आयोजित की जाती है। बता दें, पीला रंग बसंत पंचमी का पर्याय है। कहा जाता है कि इस दौरान सरसों के फूल खिलते हैं। बसंत पंचमी मनाने के लिए लोग विशेष रूप से पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। पंजाब और राजस्थान में पतंगबाजी बेहद लोकप्रिय है। पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा जैसे पूर्वी क्षेत्रों में, इस दिन को विशेष सरस्वती पूजा के रूप में चिह्नित किया जाता है। भारत के अलावा पड़ोसी देश नेपाल भी बसंत पंचमी मनाता है।


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