जानें वास्तु के अनुसार क्या है रोटी को लेकर क्या नियम

Update: 2023-01-21 14:56 GMT

अधिकतर घरों में देखा होगा या फिर हो सकता है कि आपके घर में भी ऐसा होगा कि सदस्यों के हिसाब से एक-एक रोटी गिनकर बनाई जाती है, जिससे कि ज्यादा या फिर कम रोटी न बनें। लेकिन वास्तु के हिसाब से रोटी गिनने या फिर खिलाने की आदत काफी बुरी है क्योंकि इसका असर व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार पर बुरा पड़ता है। वास्तु शास्त्र में घर, वाहन, करियर से लेकर मकान में मौजूद हर एक चीज के लिए नियम बताए गए हैं। क्योंकि वास्तु के अनुसार, हर एक चीज का सकारात्मक या फिर नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में जरूर पड़ता है। वहीं रोटी की बात करें तो वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि गिनकर रोटी बनाने से ग्रहों पर बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही मां अन्नपूर्णा भी नाराज हो जाती हैं जिसके कारण अन्न की कमी होने के साथ स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने लगता है। जानिए आखिर गिन कर रोटी बनाना या फिर खिलाना क्यों नहीं चाहिए और रोटी को लेकर क्या नियम बताए गए है।

क्यों नहीं गिनना चाहिए रोटियां?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रोटियां कभी भी गिनकर नहीं बनानी चाहिए। क्योंकि इससे घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। क्योंकि अनाज में अन्नपूर्णा का वास होता है। ऐसे में रोटी गिनकर बनाने से मां रुष्ट हो जाती हैं जिसके कारण धन हानि के साथ घर में खाने तक की कमी हो जाती है।
हमेशा बनाएं ज्यादा रोटी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में जितने सदस्य हैं उनके हिसाब को लेकर हमेशा 4-5 रोटी ज्यादा बानानी चाहिए। इससे मां अन्नपूर्णा प्रसन्न रहती हैं और आर्थिक स्थिति सही हो जाती है।
गाय और कुत्ते के लिए बनाएं रोटी
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि रोटी बनाते समय सबसे पहले गाय के लिए एक रोटी जरूर बनाएं। इस रोटी के ऊपर एक रोटी के बराबर लोई भी रखें और मीठे में गुड़, चीनी या फिर शहद लगाएं। इसके साथ ही अंत में एक रोटी बनाएं जो कुत्ते के लिए हो। रोजाना इस दिनचर्या को अपनाने से मां अन्नपूर्णा के साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही कुत्ते के रोटी खिलाने से शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है।
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