जाने हरिद्वार नगरी की ये खास जानकारी
उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है
उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है और यहीं पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती होती है। आओ जानते हैं यहां के प्रसिद्ध पावन धाम मंदिर के बार में संक्षिप्त जानकारी।
1. पावन धाम हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों में से एक जाता है। यह मंदिर शहर से 2 किमी दूर स्थित है।
2. देशभर में यूं तो कांच के कई मंदिर मिल जाएंगे परंतु यह मंदिर कलात्मक मूर्तियों एवं दीवारों पर किए गए कांच के काम और सबसे अलग कलाकृतियों के लिए जाना जाता है।
3. इस मंदिर का निर्माण 1970 में स्वामी वेदांत महाराज ने करवाया था।
4.यहां साधु-संतों के लिए रुकने के लिए विशेष स्थान और व्यवस्था है।
5. इस पावन धाम मंदिर को गीता धाम ट्रस्ट की ही एक संस्था द्वारा संचालित किया जाता है।
6. मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6 बजे से शाम की 6 बजे का है।