जानिए नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के यह मंत्र और जानें माता की आरती
इस दिन स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है. स्कंदमाता मोक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी की तिथि को नवरात्रि का पांचवा दिन है. इस दिन स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है. स्कंदमाता मोक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं. स्कंदमाता अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती है. पूजा के दौरान इन मंत्र का जाप करने से स्कंदमाता सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. स्कंदमाता की पूजा करने से भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न होते हैं. ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. वहीं नि:संतान को माता के आर्शीवाद से संतान प्राप्ति होती है. इसके साथ ही स्कंदमाता संकट और शत्रुओं का नाश करती हैं.
स्कंदमाता की प्रार्थना
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
स्कंदमाता बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
माता स्कंदमाता के मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
2. या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
3. महाबले महोत्साहे. महाभय विनाशिनी.
त्राहिमाम स्कन्दमाते. शत्रुनाम भयवर्धिनि..
4. ओम देवी स्कन्दमातायै नम:॥
स्कंदमाता की स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी।
जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरो में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तुम ही खंडा हाथ उठाएं
दास को सदा बचाने आईं
चमन की आस पुराने आई।