जानिए सोम प्रदोष व्रत में पड़ रहे हैं ये 4 शुभ योग

भारतीय सनातन धर्म में प्रदोष हिंदुओं में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इ

Update: 2022-07-04 05:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय सनातन धर्म में प्रदोष हिंदुओं में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन लोग व्रत करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में लोग इस व्रत को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ करते हैं। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती के सम्मान में मनाया जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में, शिष्य इस दिन भगवान शिव के नटराज रूप की पूजा करते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत पर उपवास करने के दो अलग-अलग तरीके हैं। पहली विधि में, भक्त पूरे दिन और रात, यानी 24 घंटे के लिए सख्त उपवास रखते हैं और जिसमें रात में जागना भी शामिल है। दूसरी विधि में सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास रखा जाता है, और शाम को भगवान शिव की पूजा करने के बाद उपवास तोड़ा जाता है।आषाढ़ माह में पड़ने वाला सोम प्रदोष व्रत इस बार बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस बार उस दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं। सोम प्रदोष में भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसलिए लोग इस व्रत को करना नहीं भूलते। इस दिन पूजा पाठ करने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा बलवान बनता है। इससे कार्य में भी प्रगति होती है। तो आइए जानते हैं कि इस बार कब फलदायी सोम प्रदोष का व्रत है।

सोम प्रदोष व्रत 2022 तिथि और समय
इस बार आषाढ़ मास का सोम प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 11 जुलाई को प्रातः 11.13 बजे से शुरू होकर 12 जुलाई को सुबह 7.46 बजे समाप्त होगा। आपको बता दें कि इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 7:22 से 9:24 तक है।
सोम प्रदोष व्रत में पड़ रहे हैं 4 शुभ योग
इस बार 11 जुलाई को मनाया जाने वाला सोम प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है. इस दिन सुबह से रात नौ बजे तक शुक्ल योग रहेगा। उसके बाद ब्रह्म योग बन रहा है। रवि योग सुबह 5:15 से 5:32 तक रहेगा। एक साथ जितने अधिक शुभ योग बनते हैं, उसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन जो लोग पूरे मन से शिव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आपको बता दें कि इस दिन जया पार्वती का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में आपको माता पार्वती की कृपा भी प्राप्त होगी।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन जया पार्वती का व्रत भी रखा जाता है। इसलिए सोमवार के दिन पूजा-अर्चना कर व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है। अखंड सौभाग्य और घर की प्रगति के लिए जया पार्वती का व्रत रखा जाता है। माता पार्वती की कृपा से घर धन-धान्य से परिपूर्ण रहेगा। लोगों को आर्थिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
सोम प्रदोष के दिन गोधूलि काल यानी सूर्योदय और सूर्यास्त से ठीक पहले का समय शुभ माना जाता है।
सूर्यास्त से एक घंटे पूर्व भक्त स्नान आदि करके पूजा का संकल्प लेते हैं।
पूजा स्थल पर देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक और नंदी के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।
इसके बाद शिवलिंग पर दूध, दही और घी आदि से अभिषेक किया जाता है । भक्त शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाते हैं।
माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन बिल्वपत्र चढ़ाने से बहुत ही शुभ फल प्राप्त होता है।
इस पूजा के बाद भक्त प्रदोष व्रत कथा सुनते हैं ।
कथा के बाद पूजा करके व्रत का पारण किया जाता है।
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