नई दिल्ली : ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। ऐसा भी माना गया है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने पर, जातक को जीवन में धन-सम्पदा की कोई कमी नहीं होती। हिंदू धर्म में प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विधान है। ऐसा रोजाना करने से आपको जीवन में कई लाभ देखने को मिल सकते हैं।
जल चढ़ाने का सही समय
सूर्य देव को सूर्य उगने के एक घंटे तक जल चढ़ाया जा सकता है। ऐसे में जल चढ़ाने के लिए सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 6 बजकर 45 मिनट तक का समय सबसे उत्तम माना गया है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करने में असमर्थ हैं, तो आप रविवार के दिन भी सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं। क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है।
इस तरह अर्पित करें जल
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद सूर्य देव एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल रंग के फूल, कुमकुम और थोड़े-से अक्षत यानी अखंडित चावल भी डाल लें। सूर्य को अर्घ्य देते समय मन-ही-मन ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का जाप भी करते रहें।
ध्यान रखें ये नियम
सूर्य को जल चढ़ाने से पहले कुछ नियमों को जानना भी जरूरी है, तभी आपको इसका पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है। ध्यान रखें कि सूर्य को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। सूर्य देव जल चढ़ाते समय आपका मुख पूर्व की दिशा में होना चाहिए। तांबे के लोटे को कुछ इस प्रकार पकड़ें कि आपका हाथ सिर से लगभग आठ इंच ऊपर हो। जल चढ़ाते समय सूर्य की रोशनी जल को पार कर आपके शरीर पर पड़नी चाहिए।
मिलते हैं यह लाभ
माना जाता है कि भगवान सूर्य को रोजाना जल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही साधक को निरोगी काया का आशीर्वाद भी मिलता है। यदि किसी जातक को कार्यक्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो ऐसे में आप रोजाना विधि-विधान पूर्वक सूर्य देव को जल अर्पित करने से आपको कार्यक्षेत्र में तरक्की मिल सकती है।