कदंब का पेड़ भारतीय संस्कृति में सबसे पुराना और सबसे पवित्र पेड़ माना जाता है। इस पेड़ का वैज्ञानिक नाम "पवित्र अंजीर" है और यह हिंदू धर्म में विशेष रूप से पूजनीय है। कदंब का पेड़ मुख्य रूप से पूर्वी और दक्षिणी भारत में पाया जाता है। कदंब का पेड़ आश्चर्यजनक रूप से बड़े पत्तों वाला लंबा, लंबा और घना है। इसकी पत्तियाँ गहरे हरे रंग की होती हैं और धार्मिक मान्यताओं में सौभाग्य और प्राकृतिक स्थिरता का प्रतीक मानी जाती हैं। कदंब का पेड़ हिंदू धर्म में भी एक लोकप्रिय प्रतीक है और कई धार्मिक कहानियों और पुराणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई धार्मिक और ध्यानस्थलों में कदंब के पेड़ को पूजा और प्रार्थना का उदाहरण माना जाता है। भारत सरकार कदंब वृक्ष की विरासत की रक्षा के लिए विभिन्न अभियान चला रही है, इसकी विधवाओं और बच्चों के अस्तित्व, विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कदंब का पेड़ लगाने से कई फायदे होते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं:
वास्तु के अनुसार कदम्ब का पेड़ घर में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।
यह पेड़ वनस्पति और प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देता है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कदम्ब के पेड़ की छाया से स्वास्थ्य लाभ भी होता है। इससे सूर्य की हानिकारक किरणों का प्रभाव कम हो जाता है।
कदंब का पेड़ पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और इस तरह प्राकृतिक आपदाओं का प्रतिकार करता है।