Dhanteras 2021: ये है कुबेर देवता की पूजा का उपाय, विधि

जीवन से जुड़ी तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की बहुत की जरूरत होती है

Update: 2021-11-02 07:29 GMT

जीवन से जुड़ी तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की बहुत की जरूरत होती है और यह धन व्यक्ति को श्रम करने के साथ ही साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के आशीर्वाद से प्राप्त होता है. आज से धन के इन्हीं दोनों देवी-देवता का पंचमहापर्व शुरू हो रहा है. मान्यता है कि धन त्रयोदशी के दिन कुबेर देवता की विशेष पूजा से पूरे साल धन का भंडार भरा रहता है.

धन के देवता हैं कुबेर
जिस तरह किसी देश या राज्य का एक तंत्र होता है, कुछ वैसे ही देवताओं का भी एक सिस्टम बना हुआ है, जिसमें सभी देवी-देवताओं को कुछ न कुछ जिम्मेदारी दी गई है. बात करें कुबेर देवता की तो उन्हें भगवान शंकर की आज्ञा से देवताओं का धनाध्यक्ष अर्थात् खजांची बनाया गया है. जिनका काम देवताओं की सम्पदा को उचित रूप से संग्रह करके उसे व्यर्थ नहीं होने देना है बल्कि उसका सदुपयोग करवाना है. कुछ इसी कामना को लिए लोग धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की साधना-आराधना करते हैं.
बृहस्पति ने बताया था कुबेर की पूजा का उपाय
मान्यता है कि एक बार जब पृथ्वी श्री से हीन हो गई थी और ब्राह्मण, वाणिक, आदि व्यग्र हो गये, देवताओं की सम्पन्नता का भी क्षरण होने लगा तो सभ देवी-देवता और ऋषिगण देवगुरू बृहस्पति के पास पहुंचे और अपनी परेशानी बताई. तब देवगुरु बृहस्पति ने कहा कि धन त्रयोदशी के दिन लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु कुबेर यंत्र साधना सम्पन्न करो. इस उपाय को करने पर एक बार फिर मां लक्ष्मी की कृपा सब पर हो जाएगी. फिर समस्त देवताओं ने धन त्रयोदशी के दिन श्री व सम्पन्नता प्राप्त करने के लिए कुबरे यंत्र की विधि-विधान से साधना करके पुनः सम्पन्नता प्राप्त की.
मंत्र से मिलेगा कुबेर देवता का आशीर्वाद
यदि आप भी धन की कमी से जूझ रहे हैं और बहुत मेहनत करने के बाद भी आपकी धन की तिजोरी खाली ही रहती है तो उसे पूरे साल भरा रखने के लिए आज कुबेर यंत्र की विधि-विधान से पूजा अवश्य करें. साथ ही कुबेर देवता के मंत्र – ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात् का कम से कम एक माला जप अवश्य करें. दीपावली के बाद भी कुबेर देवता की पूजा और उनके मंत्र का जप जारी रखें.
कुबेर यंत्र की पूजा का फल
मान्यता है कि जिस घर में कुबेर के यंत्र की पूजा होती है, वहां पर साक्षात् महालक्ष्मी 'राज्यश्री' के रूप में निवास करती है. नवनिधि के स्वामी कुबेर देवता की कृपा से उस घर में रहने वालों को कभी भी धन की कोई कमी नहीं होती है. कुबेर देवता की साधना से सभी सुखों को दिलाने वाले शुक्र ग्रह का सौभाग्य भी पूर्ण रूप से प्राप्त होता है.
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