Vivah Panchami Puja अनुष्ठान जानें विधि और जरूरी नियम

Update: 2024-11-21 10:22 GMT
Vivah Panchami Pujaज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाएं जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन विवाह पंचमी को खास पर्व माना गया है जो कि हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। जिसे विवाह पंचमी के तौर पर जाना जाता है इस दिन को भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगाठ के तौर पर मनाया जाता है।
 इस पावन अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया जाता है साथ ही लोग अपने घरों में भगवान श्रीराम और देवी सीता की विधिवत पूजा करते हैं मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से घर में खुशियों का आगमन होता है साथ ही वैवाहिक जीवन भी अच्छा बना रहता है। इस साल विवाह पंचमी का पर्व 6 दिसंबर को मनाया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा विधि के बारे में आपको आगे जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 विवाह पंचमी पर ऐसे करें अनुष्ठान—
आपको बता दें कि विवाह पंचमी के शुभ दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं। अब श्रीराम और देवी सीता की प्रतिमा स्थापित करें। विवाह की रस्में भगवान गणेश के मंत्रों के साथ आरंभ करें। साथ ही इस दौरान हनुमान जी की भी पूजा करें और उनका आह्वान करें।
 उसके बाद भगवान राम और देवी सीता को पीले रंग की माला पहनाएं फिर विधिवत पूजा कर आरती करें। पूजा के दौरान फल, मिठाई अर्पित करें उसके बाद विवाह पंचमी की कथा पढ़ें। अंत में आरती कर विवाह संपन्न करें और सभी को प्रसाद वितरित करें। इसके अलावा इस दिन श्रीरामचरितमानस या रामायण का पाठ जरूर करें इसे बेहद शुभ माना जाता है।
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