जानिए सावन के महीने में मां मंगला गौरी के व्रत की विधि और लाभ

हिंदू धर्म में सावन का महीना सिर्फ देवों के देव महादेव की पूजा के लिए ही नहीं बल्कि शक्ति की साधना के लिए भी जाना जाता है.

Update: 2022-07-19 05:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सावन का महीना सिर्फ देवों के देव महादेव की पूजा के लिए ही नहीं बल्कि शक्ति की साधना के लिए भी जाना जाता है. सावन के सोमवार पर विधि-विधान से पूजा करने पर जहां औढरदानी भगवान शिव की की कृपा बरसती है तो वहीं सावन के मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा और व्रत करने पर साधक के जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है. आज श्रावण मास का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. आइए मां पार्वती का स्वरूप मानी जाने वाली माता मंगला गौरी के व्रत की विधि और उसके करने के बड़े लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.

मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
आज मां मंगला गौरी का व्रत करने के लिए स्नान-ध्यान करके पवित्र हो जाने के बाद सबसे पहले इस व्रत को करने का संकल्प लें. इसके बाद मां मंगला गौरी की तस्वीर या मूर्ति को लाल कपड़ा बिछाकर रखें और उनकी लाल रंग के पुष्प, फल और श्रृंगार की चीजें चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा करें. माता मंगला गौरी की पूजा में 16 की संख्या का बहुत ज्यादा महत्व है. ऐसे में माता को जो भी चीज चढ़ाएं उसकी संख्या 16 ही रखें.
मंगला गौरी व्रत की कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक राज्य में धर्मपाल नाम का व्यवसायी रहा करता था. जिसके पास धन, संपत्ति आदि तो सब कुछ था लेकिन संतान नहीं थी. जिससे वह अक्सर दु:खी रहा करता था. कई वर्षों के बाद उसे संतान तो हुई लेकिन पूर्व जन्म में मिले श्राप के कारण संतान की उम्र ​बहुत कम थी. उसे श्राप था कि इस जन्म में उसकी सिर्फ 16 साल में ही सर्पदंश से मृत्यु हो जाएगी. संयोग वश उसके पुत्र का विवाह किशोरावस्था में ही हो गया और जो उसकी बहू आई वह मां मंगला गौरी की अनन्य भक्त थी और हर मंगलवार को मां मंगला गौरी का व्रत विधि-विधान से रखती थी. मान्यता है कि मां मंगला गौरी की कृपा से उसके पति के सारे दोष दूर हो गए और उसने 100 वर्ष तक जीवन जिया.
मंगला गौरी व्रत करने के लाभ
मां मंगला गौरी का व्रत अमूमन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और सुखी जीवन जीने की कामना लिए रखती हैं, लेकिन यह व्रत उन कन्याओं के लिए भी अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी साबित होता है जो अपने लिए एक अच्छा सा जीवनसाथी चाहती हैं. मां मंगला गौरी के व्रत एवं पूजन से कुंडली का मंगल दोष भी दूर होता है. ऐसे में मंगली कन्याओं को इस व्रत को अवश्य करना चाहिए.
सावन में कब-कब पड़ेगा मंगला गौरी का व्रत
श्रावण मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत – 26 जुलाई 2022
श्रावण मास का तीसरा मंगला गौरी व्रत – 2 अगस्त 2022
श्रावण मास का चौथा मंगला गौरी व्रत – 9 अगस्त 2022
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