जानिए एकादशी व्रत के दौरान पीले रंग का महत्व

कामिका एकादशी श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में मनाई जाती है.

Update: 2022-07-22 05:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   कामिका एकादशी श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में मनाई जाती है. इस बार 24 जुलाई रविवार को कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा. सावन महीने में आने वाली एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा पाठ की जाती है. इससे भक्तों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और उनके सभी दुख दूर होते हैं. आइये जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से सावन एकादशी व्रत से जुड़ी कुछ अहम बातें.

कब है सावन की पहली एकादशी व्रत?
सावन महीने में कामिका एकादशी तिथि 23 जुलाई 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो 24 जुलाई 2022, रविवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के मुताबिक, कामिका एकादशी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा.
एकादशी व्रत के दौरान पीले रंग का महत्व
कामिका एकादशी व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. भगवान विष्णु को पीले वस्त्र प्रिय हैं. ऐसे में कामिका एकादशी पर भक्तों को पीले वस्त्र पहनने से काफी लाभ होता है. इसके पूजा चौकी पर भी पीले वस्त्र होने चाहिए. भगवान विष्णु को पूजा के दौरान पीले फूल चढ़ाने चाहिए. इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही वजह है कि कामिका एकादशी व्रत पर पीले रंग का विशेष महत्व होता है.
ब्रह्म हत्या दोष से मिलेगी मुक्ति
इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करना धार्मिक तीर्थस्थल पर पवित्र नदियों में स्नान करने के बराबर माना जाता है. यह आपको ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त करता है और विपत्ति से बचाता है. कामिका एकादशी व्रत से आपको मन की शांति मिलती है. सावन महीने में कामिका एकादशी व्रत रखना अति लाभदायक होता है. ऐसे में भक्तों को कामिका एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेना चाहिए.
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