जानिए वरलक्ष्मी व्रत और पूजा का महत्व

Update: 2022-08-03 05:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) हर साल सावन माह के अंतिम शुक्रवार को होता है. इस साल सावन का अंतिम शुक्रवार 12 अगस्त को है. इस वजह से 12 अगस्त को वरलक्ष्मी व्रत रखा जाएगा और माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. इस अवसर पर माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी पूजा करने का विधान है. इससे स्थि​र लक्ष्मी की प्राप्ति होती है. इस साल वरलक्ष्मी व्रत के दिन श्रावण पूर्णिमा का संयोग बन रहा है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत की सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.

वरलक्ष्मी व्रत 2022 तिथि
वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त को है. इस दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक श्रावण पूर्णिमा तिथि है. यह व्रत मुख्यत: सुहागन महिलाएं करती हैं. इस दिन प्रात:काल से सुबह 11:34 बजे तक सौभाग्य योग है, उसके बाद से शोभन योग शुरु हो जाएगा. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं.
वरलक्ष्मी व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
वरलक्ष्मी व्रत की पूजा के चार शुभ मुहूर्त हैं. अब आप अपनी सुविधानुसार शुभ समय में पूजा कर सकते हैं.
प्रात:काल पूजा मुहूर्त: 06:14 बजे से 08:32 बजे तक
दोपहर पूजा मुहूर्त: 01:07 बजे से 03:26 बजे तक
शाम पूजा मुहूर्त: 07:12 बजे से रात 08:40 बजे तक
रा​त्रि पूजा मुहूर्त: 11:40 बजे से देर रात 01:35 बजे तक
वरलक्ष्मी व्रत और पूजा का महत्व
वरलक्ष्मी व्रत दक्षिण भारत के राज्यों में प्रमुखता से रखा जाता है. इस दिन माता महालक्ष्मी के वरलक्ष्मी स्वरूप की पूजा करते हैं. इस व्रत को सुहागन महिलाएं और पुरूष रखते हैं. इस व्रत को रखने से धन, संपदा, पुत्र, सुख, सौभाग्य आदि की प्राप्ति होती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता वरलक्ष्मी की पूजा करने से अष्टलक्ष्मी की पूजा करने का पुण्य प्राप्त होता है. माता वरलक्ष्मी अपने भक्तों को यश, बल, सुख, शांति, ज्ञान आदि प्रदान करती हैं.
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