जानिए किस पेड़ में कौन से देवी-देवता करते हैं वास

पेड़ों को देवी-देवताओं के निवास के तौर पर भी विशेष महत्व दिया जाता है.

Update: 2021-09-25 06:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पर्यावरण के क्षेत्र में तो पेड़ों (Trees) का महत्त्व है ही लेकिन हिन्दू धर्म (Hindu religion) में भी पेड़ों का खास महत्व (Importance) माना जाता है. इसी वजह से पीपल, बरगद और शमी जैसे पेड़-पौधों की पूजा की जाती है. लेकिन बता दें कि धार्मिक मान्यता के अनुसार कुछ पेड़ों को देवी-देवताओं के निवास के तौर पर भी विशेष महत्व दिया जाता है. आज हम आपको बताते हैं कि किस पेड़ में कौन से देवी-देवता वास करते हैं.

पीपल का पेड़

हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का काफी महत्व बताया गया है. इसी वजह से कई अवसरों पर पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस पेड़ पर ब्रह्मदेव का वास रहता है. साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी वास करते हैं.

बरगद व बेल का पेड़

मान्यता के अनुसार बरगद और बेल के पेड़ पर भगवान शिव वास करते हैं. प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. कहा जाता है कि हर त्रयोदशी के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता है.

कदंब का पेड़

कदंब के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. मान्यता है कि कदंब के पेड के नीचे बैठकर यज्ञ करने से मां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है

आंवला, तुलसी और केले का पेड़

आंवला, तुलसी और केले के पेड़ पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. कहा जाता है कि आंवले के पेड़ की पूजा एकादशी के दिन करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही हर गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. तुलसी के पौधे की पूजा रोज़ाना करनी चाहिए इससे भी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.

शमी का पेड़

शमी का सम्बन्ध शनिदेव से होता है. लेकिन ये भगवान शिव को भी बेहद प्रिय होता है. कहा जाता है कि शनिवार के दिन शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से सभी दुखों का नाश होता है और घर में सुख-सम्पन्नता आती है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)




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