जानिए होलिका दहन का महत्व और शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में दीवाली के बाद होली सबसे बड़ा पर्व माना जाता है.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सनातन धर्म में दीवाली के बाद होली सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका जलाई जाती है चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा तिथि को होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल लगाते हैं गले-शिकवे भुलाकर गले मिलते हैं. इस बार होली का त्योहार 29 मार्च 2021 (सोमवार) को मनाया जाएगा. होली पर इस बार विशेष योग बन रहा है, जिससे इस बार की होली का महत्व बढ़ जाता है. इस बार होली के दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है चंद्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहा होगा. मकर राशि में शनि गुरु विराजमान होंगे तो शुक्र सूर्य मीन राशि में रहेंगे. मंगल राहु वृषभ राशि, बुध कुंभ राशि केतु वृश्चिक राशि में विराजमान होंगे. कहा जाता है कि होली की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि तो आती ही है, रोग आदि से भी मुक्ति मिलती है. होली के दिन ही भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को होलिका के कहर से बचाया था होलिका जलकर भस्म हो गई थी.
होलिका दहन के लिए कांटेदार झाड़ियों या लकड़ियों को इकट्ठा कर शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है. रंगों का त्योहार होली के दिन लोग एक-दूसरे से गले मिलकर गिले-शिकवे दूर करते हैं. होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है. प्रथम दिन होलिका का दहन किया जाता है.
होली को लेकर मान्यता : माना जाता है कि होली के दिन ही स्वयं को ही भगवान मान बैठे हिरण्यकश्युप ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही पुत्र प्रह्लाद को बहन होलिका के जरिये जिंदा जलाना चाहता था पर भगवान ने भक्त प्रह्लाद पर कृपा की प्रह्लाद के लिए बनाई गई चिता में होलिका जलकर भस्म हो गई. उसके बाद से हर साल उसी तिथि को होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है, इसलिए इसे रंगवाली होली दुलहंडी भी कहते हैं.
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे
होलिका दहन रविवार, मार्च 28, 2021 को
होलिका दहन मुहूर्त - 18:37 से 20:56
अवधि - 02 घंटे 20 मिनट
रंगवाली होली सोमवार, मार्च 29, 2021 को
भद्रा पूंछ -10:13 से 11:16
भद्रा मुख - 11:16 से 13:00