जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पांच दिवसीय दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होकर है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है. इस बार धनतेरस, छोटी दिवाली और गोवर्धन की तिथियों को लेकर कनफ्यूजन रहा. ज्योतिषाचार्यों की राय इस मुद्दे बंटी हुई थी. कुछ ऐसा ही भाई दूज के साथ भी होत दिख रहा है. कुछ लोग 26 अक्टूबर को भाई दूज मानने की बात कर रहे हैं तो कुछ 27 अक्टूबर को इस त्योहार को मनाना ज्यादा सही मान रहे हैं. जानते हैं किस तारीख को भाई दूज मनाना सही रहेगा.
दरअसल इस वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितिया तिथि बुधवार, 26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर गुरुवार, 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. इसलिए ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इन दोनों ही दिन भाई दूज मानना सही है. अब जानते हैं कि भाई दूज मनाने का शुभ मुहुर्त कब है.
26 अक्टूबर का शुभ मुहुर्त
-द्वितिया तिथि शुरू होने के बाद दोपहर 03 बजकर 33 तक पूजा और तिलक का शुभ मुहुर्त.
-शाम 05 बजकर 41 मिनट से शाम 06 बजकर 07 मिनट तक गोधुलि मुहूर्त.
27 अक्टूबर का शुभ मुहुर्त
-सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक.
-सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसमें भाई को तिलक करना बहुत ही शुभ रहेगा.
भाई दूज की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को यमुना ने अपने भाई यमराज की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा था और उन्हें अन्नकूट का भोजन कराया था. इससे प्रसन्न होकर यम ने वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई-बहन एकसाथ यमुना नदी में स्नान करेगें, उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी.