जानिए सावन के तीसरे सोमवार व्रत की तिथि, योग और मुहूर्त

आज 01 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) है. आज के दिन भगवान शिव के साथ पुत्र गणेश जी की पूजा का भी उत्तम संयोग बना हुआ है

Update: 2022-08-01 04:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।     आज 01 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) है. आज के दिन भगवान शिव के साथ पुत्र गणेश जी की पूजा का भी उत्तम संयोग बना हुआ है क्योंकि आज सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है. आज सावन सोमवार के साथ विनायक चतुर्थी व्रत (Vinayak Chaturthi) का संयोग रवि योग में बना हुआ है. आज आप एक व्रत रख करके दोनों व्रतों का पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं. वैसे सावन माह का प्रत्येक दिन शिव परिवार की पूजा के लिए अच्छा माना जाता है. पुत्र प्राप्ति की मनोकामना हो या फिर मनचाहे वर की मनोकामना, सावन सोमवार व्रत रखने और शिव पूजा करने से पूर्ण होता है, वहीं विनायक चतुर्थी व्रत रखने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है, जीवन में सुख समृद्धि आती है और संकट दूर होते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सावन के तीसरे सोमवार व्रत की तिथि, योग, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

सावन का तीसरा सोमवार व्रत 2022 मुहूर्त
सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 01 अगस्त को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर लगी है और यह तिथि कल 02 अगस्त की सुबह 05 बजकर 13 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि के आधार पर देखा जाए तो सावन की शुक्ल चतुर्थी आज है, इसलिए आज ही विनायक चतुर्थी व्रत रखना उचित है.
जो लोग सावन सोमवार का व्रत हैं और भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त देखना चाहते हैं तो उनको बता दें कि आप आज किसी भी समय शिव पूजा कर सकते हैं. शिव पूजा के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती है. वैसे भी आज सुबह 05 बजकर 42 मिनट से रवि योग लगा है, जो आज शाम 04 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. इस समय में शिव पूजा करना उत्तम है. जो लोग विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा करना चाहते हैं, वे सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट के बीच गणेश पूजन कर सकते हैं.
सोमवार व्रत की पूजा विधि
आज आप सावन सोमवार व्रत हैं तो सुबह स्नान के बाद सफेद या हरे रंग का कपड़ा पहनें. ये दोनों रंग शिव जी को प्रिय हैं. आज किसी शिव मंदिर में या फिर घर पर ही शिवलिंग की पूजा करें. शिव जी का जलाभिषेक करें. जल में गंगाजल मिला लें. फिर दूध से अभिषेक करें और उनको चंदन का लेप लगाएं.
अब शिव जी को सफेद फूल, भस्म, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, फल, शहद, अक्षत् आदि अर्पित करें. ओम नमः शिवाय उच्चारण के साथ धूप, दीप, गंध, शमी पत्र आदि भी चढ़ा दें. उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. फिर सावन सोमवार व्रत की उस कथा को पढ़ें या सुनें, जिसके उद्देश्य से यह व्रत रखा है.
व्रत कथा पढ़ने के बाद शिव जी की आरती करें. आरती का समापन कर्पूरगौरं मंत्र से करना चाहिए. इसके पश्चात शिव जी से प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामना पूर्ण करें और जीवन में खुशहाली का वरदान दें
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