जानिए चैत्र अमावस्या के दिन श्राद्ध और स्नान, दान की तिथि

हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या का विशेष महत्व है। यह अमावस्या हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है।

Update: 2022-03-31 05:12 GMT

जानिए चैत्र अमावस्या के दिन श्राद्ध और स्नान, दान की तिथि

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में चैत्र अमावस्या का विशेष महत्व है। यह अमावस्या हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है। अमावस्या तिथि का धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्व है। इसस दिन लोग पितरों का तर्पण आदि करते हैं। इसके अलावा स्नान व दान की परंपरा है। लोग कौवे, गाय, कुत्ते और गरीबों को भी भोजन कराते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या को पूर्वज अपने वंशजों के घर आते हैं।

चैत्र अमावस्या व्रत अमावस्या तिथि की उदया तिथि से शुरू होता है और प्रतिपदा तिथि को चंद्रमा दर्शन के साथ संपन्न होता है। इस साल चैत्र अमावस्या एक दिन नहीं बल्कि दो दिन रहेगी। जानिए चैत्र अमावस्या के दिन श्राद्ध व स्नान-दान की तिथि-

चैत्र अमावस्या तिथि-
चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 1 अप्रैल, शुक्रवार सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए इन दोनों ही अमावस्या तिथि मान्य होगी।
जानें तर्पण की तिथि-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 31 मार्च 2022 (गुरुवार) को दोपहर 11 बजकर 22 मिनट के बाद शुरू होगी। इसलिए पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले श्राद्ध, तर्पण कार्य 31 मार्च को किए जा सकेंगे।
स्नान-दान कब करें
01 अप्रैल 2022, शुक्रवार को अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद भी रहेगी। इसलिए इस दिन गंगा स्नान व दान आदि करना उत्तम रहेगा।
अमावस्या तिथि के दिन करें ये उपाय-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गरीबों को भोजन करना बेहद पुण्यकारी होता है। अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। इसके अलावा इस दिन चीटियों को शक्कर खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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