जानिए आषाढ़ माह के प्रदोष की तिथि और पूजा मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में शिव जी के साथ माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। त्रयोदशी तिथि के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में शिव जी के साथ माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, सप्ताह के जिस दिन त्रयोदशी तिथि होती है, उसी के आधार पर प्रदोष व्रत का नाम भी पड़ता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार चौथा माह आषाढ़ का महीना 15 जून से आरंभ हो गया है। इस महीने का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा जो कि 26 जून दिन रविवार को पड़ेगा। यह आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत होगा और रविवार को पड़ने के कारण यह रवि प्रदोष व्रत होगा। जहां रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है वहीँ प्रदोष व्रत भगवान शिव को। ऐसे में रवि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य की भी कृपा प्राप्त होगी। धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ माह में मंगल की पूजा का शुभ लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं आषाढ़ माह केप्रदोष की तिथि और पूजा मुहूर्त।