हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख समृद्धि की देवी माना गया है इनकी पूजा आराधना को वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार समर्पित है लेकिन महालक्ष्मी व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत हर साल भाद्रपद मास में किया जाता है।
ऐसे में इस बार महालक्ष्मी व्रत का आरंभ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से हो रहा है और अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर इसका समापन हो जाएगा। इस दौरान देवी मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा और व्रत करने से साधक के जीवन से धन संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती है और जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महालक्ष्मी व्रत की तिथि और मुहूर्त के बारे में आपको बता रहे हैं।
महालक्ष्मी व्रत की तिथि—
धार्मिक पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 22 सितंबर दिन शुक्रवार से हो रही है और इसका समापन 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को हो जापएगा। महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत के दिन ललिता सप्तमी और दूर्वा अष्टमी का पर्व भी मनाया जाएगा। मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत के दौरान पूजा पाठ, मंत्र जाप करने से साधक को धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और भौतिक सुखों की कमी नहीं रहती है।
महालक्ष्मी व्रत का मुहूर्त—
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर होगी और समापन 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा। वही पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 40 मिनट से सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। दोपहर का मुहूर्त 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रात में पूजा का मुहूर्त 9 बजकर 16 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक का है।