जानें जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
जन्माष्टमी हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जन्माष्टमी की पूजा खासकर मथुरा, वृंदावन और द्वारिका में विधि-विधान से की जाती हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जन्माष्टमी हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जन्माष्टमी की पूजा खासकर मथुरा, वृंदावन और द्वारिका में विधि-विधान से की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्री कृष्ण सभी मुरादें शीघ्र पूर्ण कर देते हैं। निसंतान स्त्रियां संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत करती हैं। हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार के दिन पड़ रही है। श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार जन्माष्टमी पर वृद्धि योग बन रहा है, इसे बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं इस बार जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि के बारे में।