बुद्ध पूर्णिमा की तारीख और पूजन का शुभ मुहूर्त जानें

Update: 2023-04-17 12:13 GMT
सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को महत्वपूर्ण बताया गया है। अभी वैशाख मास चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है। पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को महीने का आखिरी दिन माना जाता है।
 इस बार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को पड़ रही है इस पावन दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिनको जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के भी नाम से भी जाना जाता है तो आज हम आपको बुद्ध पूर्णिमा की पूजन की विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
 बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 मई 2023 को 11 बजकर 44 मिनट से हो रही है। पूर्णिमा तिथि का समापन 5 मई को रात्रि 11 बजकर 3 मिनट पर हो रहा है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाई जाएगी। इस पवित्र दिनपर भगवान श्री विष्णु, भगवान चंद्रदेव और माता लक्ष्मी की भी पूजा करना उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होता है।
 जानिए पूजन की विधि—
आपको बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष की पूजा होती है। वास्तव में यह एक पीपल का पेड़ है। इस दिन इसकी जड़ों में दूध और इत्र अर्पित किया जाता है और घी का दीपक जलाया जाता है। इस दिन अधिकतर लोग अपने अपने क्षेत्र में पीपल की पूजा करते है। इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण की कथा की जाती है इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को मीठे तिल का दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है और सुख समृद्धि घर आती है।
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