हिन्दू धर्म के रीती रिवाजों में पूजा के समय सभी सामग्रियों का होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इन सामग्रियों में अगरबत्ती का होना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब इंसान ईश्वर के शरण में आता है तो उसका पूरा ध्यान ईश्वर में ही रहना चाहिए। इसके लिए एकाग्रता की आवश्कता होती है। पूजा और उपासना आत्मा को परमात्मा से जोड़ने के साधन हैं। अगरबत्ती जलाने से मन को शांति मिलती है। कहा जाता है की अगरबत्ती से घर की सारी नकारात्मकता ऊर्जा खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। आइये जानते पूजा में अगरबत्ती का प्रयोग क्यों करते हैं......
# अगरबत्ती के धुएं को पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि पूजा करने के बाद अक्सर अगरबत्ती के धुएं को पूरे घर में फैलाया जाता है।
# अगरबत्ती की खुशबु हमें तनाव से मुक्त करने में सहायक है। इसकी खुशबु से हमारे दिमाग पर हीलिंग और आरामदेह प्रभाव पड़ता है।
# किसी भी धार्मिक समारोह में जाकर हम अपनी सारी परेशानी भूल जाते हैं और तनावमुक्त रहते हैं। इसका कारण है धार्मिक समारोह में जलाई जाने वाली अगरबत्ती।
# अगरबत्ती जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, अगरबत्ती जलाने से हमारे मन की आंतरिक शक्ति बढ़ती है। यह हमें और जागरुक बनाता है।
# अगरबत्ती जलाना सिर्फ धार्मिक प्रथा का ही हिस्सा नहीं हैं। ब्लकि यह कईं दशकों से चीन, इजिप्ट, तिब्बत की प्रथाओं का भी हिस्सा रहा है। वह इसका इस्तेमाल धार्मिक समारोह में ही नहीं बल्कि एरोमा थेरेपी में भी करते आ रहे हैं।
# कहा जाता है हल्की और मीठी सुंगध इंसान के चित्त को शांत करती है इसलिए इसका प्रयोग प्राकृतिक चिकित्सा में भी होता है।