बुध प्रदोष व्रत पर जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, इसका महत्व और कैसे करें महादेव का पूजन

भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है.

Update: 2021-07-20 14:31 GMT

भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है. ये व्रत बेहद पावन, फलदायी माना गया है. इस व्रत को करने वाले हर प्रकार के दोष, बाधा से मुक्त होते हैं. बेहद पावन प्रदोष व्रत इस माह 21 जुलाई (बुधवार) को है. चूंकि ये प्रदोष व्रत बुधवार के दिन है इसलिए बुध प्रदोष व्रत कहलाता है. बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इस व्रत का महात्मय और अधिक बढ़ जाता है.जिस तरह एकादशी व्रत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है, उसी तरह प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को. इस दिन भोलेनाथ का पूजन किया जाता है. 

बुध प्रदोष को जीवन में हर प्रकार की सफलता प्रदान करने वाला कहा गया है. इस व्रत को करने से शत्रुओं का नाश होता है. नौकरी में मनचाही सफलता मिलती है. जीवन में उन्नति के द्वार खुल जाते हैं. 

बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है. इसी काल में भगवन शिव की पूजा की जाती है. 21 जुलाई, बुधवार को शाम 07:18 बजे से रात 09:21 बजे के बीच पूजन करें.

भगवान शिव के मंत्र

ॐ नमः शिवाय

नमो नीलकण्ठाय

ॐ पार्वतीपतये नमः

ॐ वामदेवाय नम:

ओम अघोराय नम:

ओम तत्पुरूषाय नम:

ओम ईशानाय नम:

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