13 अगस्त 2021 को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 28 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है क्योंकि पंचमी तिथी 12 अगस्त को 3.24 PM से लग चुकी है जो कि 13 अगस्त को दोपहर के 01 बजकर 42 मिनट तक ही रहेगी।
इन मंत्रों से कीजिए पूजा होंगे नाग देवता प्रसन्न
ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।'
वैसे आपको बता दें कि नागपंचमी के दिन ना ऋषि आस्तिक की कथा भी पढ़ने से नाग देवत प्रसन्न होते हैं।
क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्योहार?
नागपंचमी के पावन दिन पर नार्थ इंडिया में नाग के 12 रूपों की पूजा होती है।
सर्प को लोग शिव का गले का हार मानते हैं इसलिए उसकी पूजा करते हैं।
वैसे इसके पीछे कारण ये भी है कि सावन के महीने में जब पानी बहुत बरसता है तो सर्प, जो कि काफी जहरीले होते हैं, अक्सर लोगों और खेतों को नुकसान पहुंचा देते हैं इसलिए नागपंचमी के दिन लोग पूजा के माध्यम से नाग देवता की खुद की रक्षा करने की प्रार्थना करते हैं