जानिए छठ महापर्व के समापन की तैयारी का शुभ मुहूर्त और विधि

छठ महापर्व का 21 नवंबर को समापन किया जाएगा. इस दिन को पारण भी कहते हैं

Update: 2020-11-20 14:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। छठ महापर्व का 21 नवंबर को समापन किया जाएगा. इस दिन को पारण भी कहते हैं. छठ पूजा में पारण का विशेष महत्व है. मान्यता है कि विधि पूर्वक छठ पूजा का पारण करने से सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. इस दिन विशेष योग बन रहे हैं.


पंचांग के अनुसार 21 नवंबर को शनिवार का दिन है. इस दिन सप्तमी की तिथि है और तीन प्रमुख ग्रह बृहस्पति,शनि और चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. छठ पूजा के दौरान ही देव गुरु बृहस्पति ने अपनी स्वराशि धनु से मकर राशि में प्रवेश किया था.


छठ पूजा में उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है. सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना गया है. छठ का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है. छठ पर्व का प्रथम दिन नहाय-खाय का होता है. छठ का दूसरा दिन खरना, छठ के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ के चौथे दिन यानि अंतिम दिन उगते हुए सूर्य भगवान को जल दिया जाता है. अंतिम दिन जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. इसके बाद महिलाएं सात बार परिक्रमा करती हैं. इसके बाद व्रत के पारण की प्रक्रिया समाप्त होती है.

ऐसे दें सूर्य भगवान को अर्घ्य

छठ पूजा के अंतिम दिन तांबे के लोटे में जल, लाल चन्दन, चावल, लाल फूल और कुश डालकर सूर्य भगवान को अघ्र्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय जल की धारा से सूर्य देव को देखना चाहिए और अपनी मनोकामना बोलनी चाहिए. अर्घ्य देने के बाद सूर्य को नमस्कार करें और आत्मा को शुद्ध बनाए रखने की प्रार्थना करें. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक माना गया है. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मा का पवित्र होना परम आवश्यक माना गया है.


छठ पूजा का पारण मुहूर्त

सप्तमी तिथि: 21 नवंबर 2020

सूर्योदय सुबह: 06:49 बजे

सूर्यास्त शाम: 05:25 बजे

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