जानिए सुख शांति प्रेम समृध्दि सब दिलाएगा ये चमत्कारी पत्थर
जीवन मे सुख-सुविधा शांति-समृद्धि व प्रेम की इच्छा सभी मनुष्यों में होती ही होती है। इन्हें प्राप्त करने के लिए मानव क्या क्या नहीं करता।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन मे सुख-सुविधा शांति-समृद्धि व प्रेम की इच्छा सभी मनुष्यों में होती ही होती है। इन्हें प्राप्त करने के लिए मानव क्या क्या नहीं करता। शुक्र मतलब समृद्धि, ओपल रत्न में यह सब देने की क्षमता होती है, क्योंकि यह रत्न शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। प्रयागराज के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ प्रणव ओझा जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में इनको प्राप्त करने के अनेकानेक उपाय बताए गए हैं, आज हम आपको ऐसे ही एक चमत्कारिक रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं।
ओपल रत्न के फायदे
एस्ट्रो प्रणव ओझा के अनुसार ओपल रत्न शुक्र देव का रत्न अर्थात वीनस प्लेनेट का रत्न होता है। ओपल रत्न वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है। ओपल रत्न आपने धारण कर लिया, खासतौर पर पुरुष ने तो वैवाहिक सुख आपको देखने को मिलेगा। आपको वैवाहिक सुख में कोई दिक्कत नही होगी।
दूसरा ओपल रत्न भौतिक सुख सुविधा का कारक माना गया हैं। कुंडली में आपको कोई भी परेशानी हो रही हो, मकान सुख में दिक्कत, वाहन सुख में दिक्कत, किसी भी सुख में दिक्कत हों रही है तो अगर आप ओपल रत्न पहनेंगे तो (यदि आपका शुक्र कारक है) आपको भौतिक सुख सुविधा की प्राप्ति भी होने लगेगी।
वास्तु स्पेशलिस्ट प्रणव ओझा जी के अनुसार शुक्र जो है वो अभिनय या कला के भी कारक माने जाते हैं, तो उनके लिए भी ओपल रत्न काफ़ी फायदेमंद हैं। स्टोन या गुर्दे से कोई दिक्कत है या कोई इंटर्नल प्रोब्लम है, स्किन से रिलेटेड समस्या है तो भी आप यह रत्न धारण कर सकते हैं। यह उन महिलाओं के लिए, जो ब्यूटी पार्लर या टेक्सटाइल से रिलेटेड काम करना चाहती हैं, ओपल रत्न धारण करने पर बहुत अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
ओपल रत्न कब धारण कर सकते हैं
एस्ट्रो प्रणव ओझा ने बताया कि ओपल रत्न धारण करने के लिए लग्न वृषभ, तुला, कन्या, मिथुन, मकर, कुंभ इन्ही लग्न के व्यक्ति को ओपल रत्न को धारण करना चाहिए। कर्क राशि के जातक भी ओपल रत्न धारण कर सकते हैं, लेकिन किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह पर।
दूसरा शर्त, शुक्र देव अगर लग्न में बैठे हैं तो आप पहन सकते हैं। शुक्र धन भाव में है तो भी आप पहन सकते हैं। चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव में भी आप पहन सकते हैं। शुक्र संतान भाव में हो तो आप पहन सकते हैं। शुक्र भाग्य स्थान पर भी बहुत आप पहन सकते, शुक्र कर्म भाव में हो तो भी आप पहन सकते हैं।
सामान्यत: शुक्र 6,8,12 इन तीन भाव में हो तो आपको नहीं धारण करना चाहिए ओपल रत्न। इन तीन भाव को आपको रत्न धारण करने से बचना चाहिए।
ओपल धारण करने की विधि
एस्ट्रो प्रणव ओझा के अनुसार रत्न धारण करने की एक खास विधि होती है, उसका पालन न करने पर रत्नों के प्रभाव मंद पड़ सकते हैं। आप शुक्रवार के दिन शुक्ल पक्ष में सूर्योदय के पश्चात आप ओपल रत्न को धारण कर सकते हैं। जिस दिन धारण करें उस दिन गंगा जल और दूध में पिछली रात में अंगूठी रख दीजिए और सुबह सुबह सूर्योदय हो उसके पश्चात आप उसे धारण कर लीजिए। 1008 बार बीज मंत्र का पाठ करेंगे "ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:"
प्रणव ओझा का व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि यदि इस मंत्र के 33000 जप से इस ओपल रत्न को अभिमन्त्रित कर लिया जाए, तो विशेष परिणाम देखने को मिलते हैं। यह इसकी विधि हैं और आपको इसके अच्छे रिजल्ट मिलने शुरू हो जाएंगे। चांदी के धातु में पहनें ओपल रत्न को इंडेक्स यानि तर्जनी उंगली में आप पहन सकते हैं। 45 दिन में यह अच्छे रिज़ल्ट देने लगेंगे।
वस्तुविशेषज्ञ प्रणव ओझा जी ने इस बात पर काफी जोर दिया कि रत्न व्यक्ति को किसी अच्छे ज्योतिषी की व्यक्तिगत सलाह के पश्चात ही रत्न पहनने चाहिए, अन्यथा हानि भी सम्भावित है।