जानिए इन ग्रहों की खराब स्थिति के कारण हो सकता है हृदय रोग

आजकल की भागदौड़ भरी और अव्यवस्थित जीवनशैली में खुद को स्वस्थ रख पाना सबसे बड़ी चुनौती है। काम के अधिक दवाव की वजह से इंसान के खाने-पीने, सोने-जागने और उठने-बैठने का पूरा क्रम बिगड़ गया है

Update: 2022-06-01 09:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आजकल की भागदौड़ भरी और अव्यवस्थित जीवनशैली में खुद को स्वस्थ रख पाना सबसे बड़ी चुनौती है। काम के अधिक दवाव की वजह से इंसान के खाने-पीने, सोने-जागने और उठने-बैठने का पूरा क्रम बिगड़ गया है। इसकी वजह से दिल की बीमारियां बढ़ने लगी हैं। पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक की समस्या और दिल का दौरा पड़ने से मौत होने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि अच्छी जीवनशैली होने के बावजूद भी कई सिलेब्रिटीज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो रही है। बीते दिन प्रसिद्ध गायक केके का निधन हो गया। डॉक्टर्स के अनुसार केके का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ है। आजकल हृदयरोग की समस्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि ये बीमारी अब प्रत्येक आयु के लोगों को हो रही है। डॉक्टर्स के अनुसार दिल की बीमारियां अधिक तनाव की वजह से होती हैं, लेकिन ज्योतिष में कुछ ग्रहों को भी इसका कारण बताया गया है। ऐसे में चलिए ज्योतिष के अनुसार जानते हैं कि किन कारणों से हृदय रोग की समस्या होती है....

ये ग्रह हो सकते हैं हृदय रोग के जिम्मेदार
सूर्य- ज्योतिष के अनुसार, सूर्य पिता और आत्मा का कारक ग्रह होता है। इसकी शुभ-अशुभ स्थितियों के आधार पर हृदय रोग के बारे में भी जानकारी हासिल की जाती है।
चंद्रमा- चंद्रमा मन और मस्तिष्क का कारक होता है। इसलिए ज्योतिष के अनुसार खराब चंद्रमा को भी हृदय रोग का कारक माना जाता है।
मंगल- ज्योतिष की माने तो मंगल ग्रह हमारे शरीर की मांसपेशियों का प्रतिनिधित्व करता है। चूंकि हृदय भी मांसपेशियों से बना होता है इसलिए मंगल को भी हृदय रोग का कारक माना जा सकता है।
राहु- ज्योतिष शास्त्र में राहु को अचानक घटनाएं, दुर्घटनाएं, बीमारियां लाने वाला ग्रह माना गया है। ऐसे में यदि व्यक्ति को किसी प्रकार का हृदय रोग है तो राहु को भी इसका कारक माना जाता है।
हृदय रोग से बचने के ज्योतिष उपाय
सबसे पहले तो अगर आपको हृदय से संबंधित कोई रोग है या उसकी आशंका लग रही है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क चाहिए। उसके बाद ही किसी ज्योतिषीय उपाय की ओर ध्यान दें।
ज्योतिषीय के अनुसार, हृदय से जुड़ी किसी भी समस्या से बचने के लिए सूर्योदय के समय रविवार को 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। ये उपाय हृदयरोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
वहीं सोमवार को रात के समय आरामदायक स्थिति में बैठकर चंद्र कर ''ऊँ सोम सोमाय नमः'' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा मंगलवार को सुबह पूजा के समय मंगल के मंत्र ''ऊँ अं अंगारकाय नमः'' मंत्र का 108 बार जाप करे। साथ ही मन की शांति के लिए पन्ना, सफेद मोती या पीला पुखराज भी धारण कर सकते हैं।
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