जानिये किस दिन मनाये वट सावित्री व्रत, इस व्रत में क्या खाएं

Update: 2022-05-28 07:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vat savitri puja 2022 tithi: वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलायें अपने अखंड सौभाग्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति की मनौती के साथ करती है। इस दिन महिलाएं बरगद के वृक्ष की पूजा-अर्चना करती हैं। बता दें कि वट सावित्री व्रत प्रत्येक साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को ही रखा जाता है। लेकिन इस वर्ष व्रत सावित्री व्रत की तिथि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बता दें कि वट सावित्री व्रत रखने करने को लेकर 29 मई रविवार और 30 मई सोमवार के दिन को लेकर महिलााओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत रखकर इस दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा आराधना करती है। मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र दिन महिलाओं द्वारा वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस पूजन में वट सावित्री व्रत कथा सुनने की भी परंपरा है।

जानिए किस दिन मनाये वट सावित्री व्रत ?

हिंदू पंचांग के मुताबिक

- ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 29 मई, दिन रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से हो रहा है।

- इस तिथि का समापन 30 मई, सोमवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। गौरतलब है कि वट सावित्री व्रत के लिए अमावस्या की उदयातिथि ही देखी जाती है।

- सोमवार 30 मई को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि ही पड़ रही है।

- इस तिथि का समापन 30 मई को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में जानकारों के अनुसार वट सावित्री व्रत 30 मई 2022 को ही रखा जाएगा।

वट सावित्री व्रत के दिन शुभ योग भी बन रहें हैं

हिन्दू पंचाग के अनुसार वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। बता दें कि यह योग सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होकर पूरे दिन रहेगा। इसलिए इस दिन सौभाग्यशाली महिलाओं द्वारा व्रत करना उनके लिए अति पुण्य फलदायी माना जा रहा है। गौरतलब है कि इस दिन सुकर्मा योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

जानिये वट सावित्री व्रत में क्या चाहिए खाना

आमतौर पर महिलायें वट सावित्री व्रत के पूजन के बाद अपना व्रत खोल लेती हैं। लेकिन कुछ महिलाएं इस व्रत को पूरे दिन भी रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री व्रत के पूजन में जिन भी चीज़ों को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है, पूजन के उपरांत उन्हीं चीजों को महिलायें परिवार वालों को प्रसाद देने के बाद खाती है। बता दें कि वट सावित्री व्रत के पूजन में आम, चना, पूरी, खरबूजा, पुआ आदि सभी चीजों या पकवानों से वट वृक्ष की पूजा -आराधना की जाती है। व्रत समाप्ति के बाद इन्हीं चीज़ों को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।




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