जानिए देवशयनी एकादशी पर न करें ये गलतियां
आज आषाढ़ माह की एकादशी है जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज आषाढ़ माह की एकादशी है जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से जाता है. जिसका मतलब है देवों के सोने का दिन, यानि देवशयनी एकादशी के दिन सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु (Chaturmas 2022) सभी देवताओं समेत चार के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. इसलिए हिंदू धर्म में चार महीने तक कोई मांगलिक कार्य जैसे कि शादी-विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश नहीं होता. इसके लिए कार्तिक माह में आने वाली देवउठनी एकादशी का इंतजार करना होता है.
देवशयनी एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन लोग भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास करते हैं और कई नियमों का पालन करते हैं. एकादशी का व्रत वैसे भी कठिन माना जाता है और कहा जाता है कि इसमें सभी नियमों का पालन करने के बाद भी फल मिलता है. इसलिए आपको भूलकर भी आज के दिन ये गलतियां नहीं करनी चाहिए.
देवशयनी एकादशी पर न करें ये गलतियां
देवशयनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि चावल में जल की मात्रा अधिक होती है और जल में चंद्रमा का प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इस दिन चावल से दूरी रखना बेहद जरूरी है.
देवशयनी एकादशी के दिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए. ध्यान रखें कि आज के दिन बाल टूटना भी अशुभ माना जाता है. यदि किसी कारणवश बाल धोने पड़ जाए तो कोशिश करें आज के दिन बालों को खुला रखें बांधे नहीं.
जिस घर में देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाता है उस घर में उस दिन किसी भी व्यक्ति को ताम्सिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. ताम्सिक भोजन में लहसुन, प्याज और मांसाहारी खाना आता है.
देवशयनी एकादशी के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. आज के काले वस्त्र पहनना अशुभ माना गया है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और उन्हें पीला रंग अतिप्रिय है. इसलिए आज पीले रंग के वस्त्र पहनें.
जो जातक देवशयनी एकादशी का व्रत करते हैं तो आरामदायक बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए, बल्कि जमीन पर चटाई बिछाकर रातभर भगवान विष्णु का जप व जागरण करना शुभ होता है.