जानिए आज रात इस समय से लगेगा खरमास, क्यों नहीं करते हैं कोई मांगलिक कार्य

आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज सूर्य देव धनु राशि में गोचर करेंगे, जिससे सूर्य की धनु संक्रांति का प्रारंभ हो जाएगा।

Update: 2020-12-15 04:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज सूर्य देव धनु राशि में गोचर करेंगे, जिससे सूर्य की धनु संक्रांति का प्रारंभ हो जाएगा। धनु संक्रांति के प्रारंभ के साथ ही खरमास भी शुरु हो जाएगा। खरमास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। धनु संक्रांति के समापन और मकर संक्रांति के प्रारंभ होने के साथ ही मांगलिक कार्य भी होने लगेंगे। जागरण अध्यात्म में आज जानते हैं कि खरमास कब से प्रारंभ हो रहा है? इस दौरान कौन से मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे?

धनु संक्रांति के साथ खरमास प्रारंभ
आज रात 9 बजकर 31 मिनट पर सूर्य देव वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। तब से धनु संक्रांति शुरु हो जाएगी। धनु संक्रांति एक माह तक रहेगा। इसके साथ ही खरमास 15 दिसंबर से 13 जनवरी तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और मकर संक्रांति शुरु होगी। 15 दिसंबर से 13 जनवरी की अवधि खरमास होगी।
धनु संक्रांति
आज धनु संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। यह कुल 05 घंटे 10 मिनट का है। उसके बाद धनु संक्रांति का महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। य​ह कुल 1 घंटा 43 मिनट के लिए है। धनु संक्रांति का क्षण रात 09 बजकर 31 मिनट पर है।
खरमास में वर्जित कार्य
खरमास के समय में ​शुभ विवाह, संगाई, लग्न, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव जब धनु राशि में होते हैं तो अप्रिय और विचित्र परिणाम देते हैं। जीवों के लिए यह उत्तम नहीं होता है। इस वजह से ही धनु संक्रांति को खरमास के नाम से जाना जाता है और इसमें मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं।
कहा जाता है कि सूर्य जब दक्षिणायन होते हैं तो लोगों को कई प्रकार के कष्ट होते हैं। इससे मुक्ति के लिए खरमास में विशेष तौर पर सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।


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