सावन पर जानें क्या करें और क्या न करें

महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। वैसे तो हर माह में एक शिवरात्रि आती है |

Update: 2021-08-07 03:28 GMT

आज सावन मा​स की शिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। वैसे तो हर माह में एक शिवरात्रि आती है, लेकिन श्रावण शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम है। आज जो लोग व्रत रखे हुए हैं या फिर रात्रि के समय में भगवान शिव की पूजा करेंगे, उनको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इससे आपकी पूजा में त्रुटि की गुंजाइश कम हो जाती है और भगवान शिव की कृपा के पात्र हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि सावन शिवरात्रि की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. आपको पता है कि शिव पूजा में बेलपत्र का बहुत महत्व है। शिव पूजा करने जाएं तो साथ में बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, गंगाजल और गाय का दूध अवश्य लेकर जाएं।

2. संभव हो तो शिवरात्रि पूजा में आपको सफेद वस्त्र पहनना चाहिए क्योंकि भोलेनाथ को सफेद रंग प्रिय है।

3. महादेव की पूजा करते समय उनको केतकी का फूल, तिल, सिंदूर, रोली, कुमकुम आदि अर्पित नहीं करना चाहिए। इससे वे नाराज हो सकते हैं।

4. भगवान शिव की पूजा में भस्म, त्रिपुण्ड और रूद्राक्ष का विशेष स्थान है। इनमें जो भी हो, उसे धारण करें। उसका प्रयोग पूजा में करें।

5. भगवान शिव की पूजा में शंख और तुलसी पत्र का प्रयोग वर्जित है।

6. शंकर जी की पूजा में नारियल या श्रीफल का प्रयोग न करें। श्रीफल माता लक्ष्मी का प्रतीक है और वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं।

7. भगवान शिव को दूर्वा चढ़ा सकते हैं, लेकिन हल्दी का प्रयोग करने से बचें।

8. शिव पूजा के समय आपको मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रहे तो उत्तम होगा।

9. सावन शिवरात्रि के दिन ता​​मसिक भोजन और विचार से दूर रहें।

10. इस दिन रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी होता है।



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