जानिए योगिनी एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में...
व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस एकादशी व्रत को रखने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस एकादशी व्रत को रखने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ऐसा भगवान श्रीकृष्ण ने योगिनी एकादशी व्रत के महत्व को युधिष्ठिर से बताया था. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में.
योगिनी एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 23 जून दिन गुरुवार को रात 09 बजकर 41 मिनट से हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 24 जून शुक्रवार को रात 11 बजकर 12 मिनट तक मान्य रहेगी. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत 24 जून शुक्रवार को रखा जाएगा.
योगिनी एकादशी 2022 मुहूर्त
इस दिन साध्य प्रात:काल से सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक है, उसके बाद से शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा. 24 जून को ज्येष्ठा नक्षत्र शाम 06 बजकर 32 मिनट तक है. इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है.
योगिनी एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग 24 जून को योगिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण 25 जून दिन शनिवार को सुबह 05 बजकर 41 मिनट से सुबह 08 बजकर 12 मिनट के मध्य करेंगे. इस दिन हरि वासर सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
योगिनी एकादशी का महत्व
धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी व्रत के महत्व में जानना चाहा. तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि इसे योगिनी एकादशी कहते हैं. जो व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. पृथ्वी लोक पर तो उसके पाप मिटते ही हैं, परलोक में उसे पुण्य प्राप्त होता है. उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक प्राप्त होता है.