जानिए इस अद्भुत देवी मां के पावन मंदिर के बारे में....

चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। इस महीने में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है

Update: 2022-03-23 04:05 GMT

जानिए इस अद्भुत देवी मां के पावन मंदिर के बारे में.... 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। इस महीने में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो साल में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 02 अप्रैल 2022, शनिवार से हो रही है। चैत्र नवरात्रि का समापन 11 अप्रैल, सोमवार को होगा। इस पावन मौके पर भक्त माता के लिए व्रत रखते हैं। घर पर कलश की स्थापना कर मां को आमंत्रित करते हैं। वहीं कई श्रद्धालु नवरात्रि में माता के मंदिर में जाकर माथा टेकते हैं। भारत में मां के कई प्राचीन और पवित्र मंदिर है, जिसकी महत्ता और अद्भुत कहानियां व चमत्कार प्रसिद्ध हैं। 51 शक्तिपीठों के अलावा कई चमत्कारी मंदिर हैं, जहां पूजा अर्चना करने से मनोकामना का पूर्ति होती है। अगर आप नवरात्रि के मौके पर किसी मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो इस बार एक ऐसे देवी मंदिर में जाएं, जहां धरना देने से मां भक्तों की मुराद पूरी करती हैं। अगली स्लाइड्स में जानिए इस अद्भुत देवी मां के पावन मंदिर के बारे में।

मां नेतुला मंदिर
जिस मंदिर के बारे में हम बताने जा रहे हैं, उसका नाम है नेतुला मंदिर। यह मंदिर बिहार के जमुई जिले में स्थित है। यहां सिकंदरा प्रखंड के कुमार गांव में देवी का प्रसिद्ध नेतुला मंदिर है। वैसे तो इस मंदिर में साल भर भक्तों का जमावड़ा रहता है लेकिन नवरात्रि के समय इस पावन मंदिर में काफी भीड़ हो जाती है।
माता के 51 शक्तिपीठ में से एक है नेतुला मंदिर
माता सती के शरीर को जब भगवान शिव लेकर जा रहे थे, तो उनके शरीर के अंग जहां जहां गिरे, वह शक्तिपीठ बन गया। इस तरह कुल 51 शक्तिपीठ हैं। बिहार का नेतुला मंदिर देवी के शक्तिपीठों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन स्थान पर माता सती की पीठ गिरी थी।
मंगलवार और शनिवार को खास पूजा
वैसे तो मां नेतुला मंदिर में रोजाना पूजा, आरती होती है लेकिन मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा की जाती है। मां नेतुला मंदिर में हर दिन सुबह और शाम मां का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। आरती में स्थानीय लोगों से साथ ही दूर दराज से भक्त शामिल होने पहुंचते हैं।
धरना देने से मनोकामना पूरी
इस मंदिर को लेकर एक खास मान्यता भी है। कहा जाता है कि मां नेतुला मंदिर में अगर कोई भक्त सच्चे मन से 30 दिनों तक धरना देता है तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मान्यता है कि मां नेतुला मंदिर में धरना देने से नि:संतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति और आंखों की रोशनी हो चुके भक्त को देखने की क्षमता वापस मिल जाती है।
धार्मिक एकता का प्रतीक मंदिर
यह हिंदू मंदिर धार्मिक एकता का भी प्रतीक है। मां नेतुला मंदिर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी दर्शन करने आते हैं। माता की पूजा और दर्शन करने से उनके पाप उतर जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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