खरमास को माना गया है अशुभ महीना, मृत्‍यु होने पर मिलता है नर्क

खरमास महीने को शुभ काम करने के लिए बहुत अशुभ माना गया है. इन 30 दिनों के दौरान सूर्य का तेज कम होता है, जिससे कामों में सफलता नहीं मिलती है. लेकिन इसे मृत्‍यु के लिए भी अशुभ माना गया है.

Update: 2021-12-14 07:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में हर काम के लिए शुभ समय और उसे करने का सही तरीका बताया गया है. मृत्‍यु के बाद के संस्‍कारों को लेकर भी पुराणों-शास्‍त्रों में ढेर सारी बातें बताई गईं हैं. साथ ही उन्‍हें करने का सही समय, तरीका और नियम बताए गए हैं. हालांकि मृत्‍यु के समय पर किसी का वश नहीं चलता है, फिर भी मौत को लेकर कुछ शुभ-अशुभ समय बताए गए हैं. शास्‍त्रों के मुताबिक यदि शुभ समय में मृत्‍यु हो तो मृतक की आत्‍मा को सद्गति मिलती है. वहीं पंचक काल जैसे अशुभ समय में मरना मृतक के परिवार पर बड़ा संकट लाता है. इसी तरह मृत्‍यु के लिए खरमास के महीने को भी बहुत अशुभ माना जाता है.

खरमास में हो मौत तो मिलता है नर्क
खरमास में सूर्य धनु राशि में रहता है और इस दौरान उसका तेज कम हो जाता है. इस कारण इस महीने में किए गए काम सफल नहीं होते हैं. इस महीने को मलमास भी कहा जाता है. पुराणों के मुताबिक जिस व्‍यक्ति की मृत्‍यु खरमास में होती है, उसे नर्क में जगह मिलती है. इसलिए इस महीने में मृत्‍यु होने को अच्‍छा नहीं माना जाता है. यहां तक कि महाभारत युद्ध में अर्जुन के बाणों से छलनी हुई परमवीर भीष्‍म पितामह ने भी अपनी देह त्‍यागने के लिए सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने तक इंतजार किया था. इसके बाद मकर संक्रांति के दिन भीष्‍म पितामह ने अपने प्राण त्‍यागे थे. दरअसल, उन्‍हें अपनी इच्‍छा से प्राणों को त्‍याग करने का वरदान मिला था.
खरमास में वर्जित हैं यह काम
खरमास महीने में शुभ कामों को भी वर्जित माना गया है. इसलिए इस दौरान शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, निर्माण, नया व्‍यापार शुरू करने जैसे काम नहीं किए जाते हैं. इस साल यह महीना 16 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक रहेगा


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