Khandoba Temple : चमत्कारों से भरा है 350 दीप स्तंभ वाला खंडोबा मंदिर, दर्शन मात्र से दूर हो जाते है दु:ख-दर्द

महाराष्ट्र के पुणे शहर से लगभग 60 किमी दूर जेजोरी गांव की जयद्रि पर्वत श्रृंखला पर भगवान खंडोबा का भव्य मंदिर स्थित है

Update: 2021-12-12 16:19 GMT

महाराष्ट्र के पुणे शहर से लगभग 60 किमी दूर जेजोरी गांव की जयद्रि पर्वत श्रृंखला पर भगवान खंडोबा का भव्य मंदिर स्थित है. भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले खंडोबा मंदिर के बारे में मान्यता है कि यह द्वापर युग में भी बिल्कुल ऐसा ही था, जैसा आजकल है.

मंदिर परिसर में भगवान शिव की प्रतिमा है, जिसमें वे एक घोड़े पर सवार एक योद्धा के रूप में नजर आते हैं. उनके हाथ में राक्षसों को मारने के लिए एक बड़ी खड्ग भी है. मान्यता है कि एक समय जब पृथ्वी पर मल्ल और मणि राक्षस का अत्याचार बढ़ गया तब उनका वध करने के लिए भगवान शिव ने मार्तंड भैरव का अवतार लिया था, जिन्‍हें बाद में खंडोबा के नाम से जाना गया.
खंडोबा मंदिर परिसर में स्थापित विभिन्न प्रकार विग्रह, इसका विशेष आकर्षण हैं. खंडोबा मंदिर के मुख्य द्वार के सामने पीतल का एक वृहद वृत्ताकार कछुआ फर्श पर इस तरह निर्मित किया गया है कि एक दृष्टि में वह केवल उल्टी रखी पीतल की थाली ही नजर आता है.
विशाल परकोटे से घिरे मंदिर के मुख्य भवन तक जाने वाली 345 सीढ़ियां चढ़कर जब श्रद्धालु प्रवेश करते हैं तो सामने ही बड़े दीप स्तम्भ नजर आते हैं. मन को आनंदित कर देने वाले इस मंदिर में 350 विशाल पत्थरों के बने दीप स्तंभ हैं, जो सीढ़ियों के दोनों ओर एक विशिष्ट क्रम में पहली सीढ़ी से ऊपर की अंतिम सीढ़ी तक फैले हुए हैं. इन स्तंभों के चारों और दीपक रखने के लिए जो आधार बनाए गए हैं, जिन पर दीपक रखकर जलाये जाने पर अत्यंत ही भव्य नजारा होता है.
चमत्कारों से भरे खंडोबा मंदिर को लेकर तमाम तरह की मान्यताएं हैं जैसे कुछ लोगों का मानना है कि भगवान खंडोबा का दर्शन करने मात्र से ही नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता यह भी है कि खंडोबा मंदिर में हाजिरी लगाने मात्र से ही विवाह में आ रही सारी बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी शीघ्र ही प्राप्त होता है.
खंडोबा मंदिर में दशहरे के अवसर पर एक बड़ा मेला लगता है. जिसमें लोगों के दर्शनार्थ सोने की भारी तलवार रखी जाती है. इस अवसर पर श्रद्धालु 45 किलो ग्राम वजनी तलवार को अपने दातों से उठाकर अपनी भक्ति को भगवान खंडोबा के सामने प्रदर्शित करते हैं.


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