ज्योतिष न्यूज़ : घर में तुलसी का पौधा रखने से आर्थिक तंगी दूर होती है। शास्त्रों में इसे देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। तुलसी के पौधे की नियमनुसार पूजा करने से वास्तु दोष भी दूर होता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। त्योहारों में इनकी पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसी मान्यता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा देवी मां की कृपा बनी रहती है। बता दें, भगवान विष्णु के अलावा श्रीकृष्ण और हनुमान जी को भी तुलसी अति प्रिय है। तुलसी न केवल धार्मिक दृष्टि से फलदायी है बल्कि इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
तुलसी की पत्तियों से जुड़ें उपाय जीवन की राह बदलने के काम करते हैं। दरअसल, तुलसी की पत्तियों के उपाय करने से तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही कई अन्य लाभ भी जातक को मिलते हैं। इसी कड़ी में आइए इससे मिलने वाले अन्य लाभ के बारे में भी जान लेते हैं।
तुलसी की पत्तियों के उपाय
शुक्रवार के दिन तुलसी के पौधे से 11 पत्तियां तोड़कर आटे के डिब्बे में डाल दें। मान्यता है कि इससे अन्न की कमी नहीं होती है। साथ ही घर परिवार में बरकत होती है।
अगर आप आर्थिक समस्या से परेशान हैं, तो तुलसी के पत्तों को किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर रख दें। बाद में इसे अपने पर्स या अलमारी में किसी जगह रख दें। ऐसा करने से घर में धन की आवक बढ़ती है।
गुरुवार के दिन तुलसी की पत्तियों को भगवान विष्णु जी को अर्पित कर दें। बाद में इन्हें पीले रंग के कपड़े में बांधकर अलमारी में रख दें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
भाग्योदय के लिए आटे के दीपक में घी डालें। फिर इसके बाद एक चुटकी हल्दी डालकर शाम के समय इसे प्रज्वलित करें। बाद में उस दीपक तुलसी की जड़ों में उत्तर दिशा में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी बंद किस्मत खुल सकती है।
मनोकामना पूरी करने के लिए आप पीतल के लोटे में 4 से 5 तुलसी की पत्तियां डालें। इसके बाद इसे डालकर करीब 24 घंटे के लिए रख दें। अगले दिन इस जल को घर के प्रवेश द्वार के साथ अन्य हिस्सों में छिड़क दें। ऐसा करने से मनोकामना पूरी हो सकती है।
तुलसी की 11 पत्तियों को धूप में सुखा लें। इसके बाद इसपर नारंगीरंग के सिंदूर में सरसों का तेल मिलाकर इसपर राम का नाम लिखें। इसके बाद उन पत्तों की माला को हनुमान जी को चढ़ा दें। इससे सुख में वृद्धि होती है।
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