सनातन धर्म में शिव को देवो का देव महादेव माना गया हैं एक मात्र यही ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा लिंग रूप में की जाती हैं अधिकतर भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की विधिवत पूजा करते हैं और जलाभिषेक करते हैं।
ऐसे में अगर आप भी भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए शिवलिंग की पूजा रहे हैं तो इससे जुड़े कुछ नियम जरूर जान लें मान्यता है कि शिवलिंग पूजा व अभिषेक से जुड़े नियमों का पालन अगर किया जाए तो प्रभु शीघ्र प्रसन्न होकर कृपा करते हैं लेकिन इन नियमों की अनदेखी समस्याओं व दुखों का कारण बनती हैं तो आइए जानते हैं शिवलिंग पूजा से जुड़े नियम।
शिवलिंग पूजा में रखें इन बातों का ध्यान—
अधिकतर लोग शिवलिंग का अभिषेक खड़े होकर करते हैं जो कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उचित नहीं हैं। भगवान शिव का जलाभिषेक हमेशा ही बैठकर करना चाहिए खड़े होकर शिव को जल अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त नहीं होती हैं वही इसके अलावा शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं शिवलिंग पर जल हमेशा ही दक्षिण दिशा में रहकर चढ़ाना चाहिए। इस दिशा में रहकर जल अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
शास्त्र अनुसार शिवलिंग पर जल अर्पित करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि जल हमेशा उत्तर दिशा की ओर से शिवलिंग पर गिर रहा हो। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा शिवलिंग पर जल अर्पित करते वक्त आपका मुख उत्तर पूर्व या पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए कहा जाता है कि इन दिशाओं में भोलेनाथ की पीठ होती हैं ऐसे में दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से इसका फल प्राप्त नहीं होता हैं।