गुरुवार व्रत में जरूर रखे इन बातों का ध्यान, जानें व्रत के नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और इनकी पूजा विधिपूर्वक करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और इनकी पूजा विधिपूर्वक करते हैं। जो लोग गुरुवार को व्रत रखते हैं, उनको व्रत के नियमों का पालन करना होता है। गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति के बिगड़े काम बनते हैं, विवाह की बाधाएं दूर होती हैं और कुंडली में गुरु ग्रह संबंधित दोष भी देर होते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन अपने गुरु का आशीर्वाद लेना भी बहुत उत्तम होता है। बड़े-बुजुर्गों की सेवा करने से उत्तम फल मिलता है। आइए जानते हैं गुरुवार व्रत के नियम के बारे में।
1. आप गुरुवार का व्रत रखना चाहते हैं तो आपको उस गुरुवार का चयन करना चाहिए, जिस दिन पुष्य नक्षत्र हो। तत्काल में ऐसे संभव न हो तो आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से यह व्रत प्रारंभ कर सकते हैं। ध्यान रहे कि पौष माह से इसका प्रारंभ न करें।